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भारतीय पासपोर्ट के विभिन्न रंग और उनके लाभ

भारतीय पासपोर्ट विभिन्न रंगों में उपलब्ध है, जिनमें नीला, सफेद, लाल और नारंगी शामिल हैं। प्रत्येक रंग के पास अपने विशेष अधिकार और लाभ हैं। नीला पासपोर्ट सामान्य नागरिकों के लिए है, जबकि सफेद सरकारी कर्मचारियों के लिए और लाल राजनयिकों के लिए है। नारंगी पासपोर्ट अब बंद हो चुका है, लेकिन यह कम शिक्षा प्राप्त लोगों के लिए था। इस लेख में हम इन पासपोर्ट के प्रकार और उनके लाभों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
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भारतीय पासपोर्ट के विभिन्न रंग और उनके लाभ

भारतीय पासपोर्ट: पहचान और उपयोग

भारतीय पासपोर्ट: पासपोर्ट केवल पहचान का एक साधन नहीं है, बल्कि यह कई अन्य कार्यों के लिए भी उपयोगी है। आमतौर पर इसे यात्रा के लिए आवश्यक दस्तावेज माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारतीय पासपोर्ट विभिन्न रंगों में उपलब्ध है, और प्रत्येक रंग के अपने विशेष अधिकार और लाभ हैं? नीला पासपोर्ट सामान्य नागरिकों के लिए है, जबकि सफेद और नारंगी पासपोर्ट विशेष श्रेणी के व्यक्तियों को जारी किए जाते हैं।


भारत में उपलब्ध पासपोर्ट के प्रकार और उनके लाभ

नीला पासपोर्ट (Indian Blue Passport):


नीला पासपोर्ट सबसे सामान्य प्रकार है, जो भारतीय नागरिकों को जारी किया जाता है। इसके माध्यम से लोग यात्रा कर सकते हैं, बच्चे शिक्षा के लिए विदेश जा सकते हैं, और लोग काम के सिलसिले में एक देश से दूसरे देश जा सकते हैं। इस पासपोर्ट में एक बायोमेट्रिक चिप होती है, जो सुरक्षा को बढ़ाती है।


सफेद पासपोर्ट (Indian White Passport):


सफेद पासपोर्ट सरकारी कर्मचारियों के लिए होता है। यह उन व्यक्तियों को दिया जाता है जो सरकारी कार्य के लिए विदेश यात्रा करते हैं। इस पासपोर्ट के धारक को इमीग्रेशन चेक पॉइंट पर विशेष सुविधाएं मिलती हैं।


लाल पासपोर्ट (Indian Maroon Passport):


लाल या मरून पासपोर्ट भारतीय राजनयिकों और उच्च सरकारी अधिकारियों को दिया जाता है। इन धारकों को अन्य पासपोर्ट धारकों की तुलना में अधिक अधिकार प्राप्त होते हैं। उन्हें वीजा की कतार में खड़ा नहीं होना पड़ता और कुछ देशों में बिना वीजा प्रवेश मिल जाता है। इसे भारतीय पासपोर्ट का सबसे मजबूत प्रकार माना जाता है।


नारंगी पासपोर्ट (Indian Orange Passport):


नारंगी पासपोर्ट अब बंद हो चुका है, लेकिन यह उन लोगों को दिया जाता था जिन्होंने 10वीं कक्षा तक पढ़ाई नहीं की थी। ये लोग आमतौर पर गल्फ देशों में फैक्ट्रियों में काम करने जाते थे। इन पासपोर्ट धारकों के लिए विदेश यात्रा से पहले जांच प्रक्रिया थोड़ी कठिन होती थी।