रिफाइंड तेल के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव
रिफाइंड तेल का उपयोग आमतौर पर खाना पकाने में किया जाता है, लेकिन इसके स्वास्थ्य पर कई हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं। यह दिमाग पर नकारात्मक असर डाल सकता है और त्वचा संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। इसके बजाय, पारंपरिक तेलों का उपयोग करना अधिक फायदेमंद हो सकता है। जानें रिफाइंड तेल के दुष्प्रभाव और स्वस्थ विकल्प।
Jul 31, 2025, 07:36 IST
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रिफाइंड तेल का उपयोग और इसके दुष्प्रभाव
रिफाइंड तेल: यह तेल आमतौर पर पूड़ी और पराठे बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक हो सकता है? आइए जानते हैं इसके बारे में।
- रिफाइंड तेल का अत्यधिक सेवन दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, और इसके अधिक उपयोग से मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है।
- यह तेल कई रासायनिक प्रक्रियाओं से गुजरता है, जिसमें साबुन का उपयोग भी शामिल होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
- सिंगल रिफाइनिंग में छह से सात रसायनों का उपयोग होता है, जबकि डबल रिफाइनिंग में 12 से 13 रसायनों का। ये रसायन ऑर्गेनिक नहीं होते और मिलकर जहरीले तत्वों का निर्माण करते हैं।
- इनका नियमित सेवन त्वचा संबंधी समस्याओं को जन्म दे सकता है, जैसे कि रूखापन और चेहरे की चमक का खत्म होना।
- रिफाइंड तेल के बजाय, सरसों का तेल, नारियल का तेल और घी जैसे पारंपरिक तेलों का उपयोग करना बेहतर है। ये स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं।
- अत्यधिक रिफाइंड तेल का सेवन दिल के लिए खतरा पैदा कर सकता है और मोटापे को बढ़ावा दे सकता है। यह ओमेगा-3 और ओमेगा-6 के संतुलन को बिगाड़ता है, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।