हरियाणा में 6.36 लाख परिवारों के बीपीएल राशन कार्ड रद्द, जानें पूरी जानकारी

हरियाणा में बीपीएल राशन कार्ड धारकों के लिए महत्वपूर्ण अपडेट
BPL Ration Card: राशन बंद होने की सूचना 6.36 लाख परिवारों के लिए: हरियाणा में बीपीएल राशन कार्ड धारकों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना आई है। पिछले तीन महीनों में 6.36 लाख से अधिक परिवारों को गरीबी रेखा से नीचे (BPL) की सूची से हटा दिया गया है। इसका अर्थ है कि अब इन परिवारों को सरकार द्वारा प्रदान किया जाने वाला मुफ्त राशन नहीं मिलेगा।
खाद्य आपूर्ति निदेशालय ने हाल ही में आंकड़े जारी किए हैं, जिसमें बताया गया है कि इन परिवारों की वार्षिक आय 1,80,000 रुपये से अधिक हो गई है। इस कारण इन्हें बीपीएल सूची से बाहर किया गया है। आइए, इस स्थिति को विस्तार से समझते हैं और देखते हैं कि किन जिलों पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है।
फरीदाबाद में सबसे अधिक राशन कार्ड रद्द
हरियाणा में बीपीएल राशन कार्ड की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है। जून 2025 तक राज्य में केवल 46 लाख 14 हजार 604 परिवार ही बीपीएल श्रेणी में बचे हैं। अप्रैल में यह संख्या 52.50 लाख थी, जो मई में 49.22 लाख और जून में 48 लाख तक पहुंच गई। इस प्रकार, तीन महीनों में 6,36,136 राशन कार्ड रद्द किए गए हैं।
फरीदाबाद में सबसे अधिक प्रभाव देखा गया, जहां 20,266 कार्ड रद्द किए गए। इसके बाद पानीपत (15,502) और करनाल (15,059) का स्थान है। यह बदलाव उन परिवारों के लिए एक बड़ा झटका है, जो मुफ्त राशन पर निर्भर थे।
जिलेवार आंकड़े: प्रभावित जिलों की सूची
हरियाणा के सभी जिलों में बीपीएल राशन कार्ड रद्द करने की प्रक्रिया जारी रही। अंबाला में 14,501, गुरुग्राम में 14,301, और सोनीपत में 12,498 कार्ड हटाए गए। यमुनानगर (10,964), कुरुक्षेत्र (10,278), और रोहतक (9,210) भी इस सूची में शामिल हैं। सबसे कम प्रभाव चरखी दादरी (1,568) और नूंह (2,604) में देखा गया।
ये आंकड़े दर्शाते हैं कि सरकार ने आय के आधार पर सख्ती से जांच की और कई परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर किया। यदि आपका राशन कार्ड रद्द हुआ है, तो नजदीकी खाद्य आपूर्ति कार्यालय से संपर्क करें।
प्रभावित परिवारों के लिए सुझाव
बीपीएल राशन कार्ड रद्द होने से कई परिवार चिंतित हैं। विशेषज्ञों का सुझाव है कि प्रभावित परिवार अपनी आय और स्थिति की दोबारा जांच करवा सकते हैं। इसके लिए आपको स्थानीय खाद्य आपूर्ति कार्यालय में आवेदन करना होगा।
साथ ही, सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जागरूक रहें। यह बदलाव उन परिवारों के लिए कठिनाई पैदा कर सकता है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। हालांकि, सरकार का कहना है कि यह कदम सही लाभार्थियों तक सुविधाएं पहुंचाने के लिए उठाया गया है।