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बुद्ध पूर्णिमा 2025: जानें इस विशेष दिन का महत्व और शुभ योग

बुद्ध पूर्णिमा, जिसे बुद्ध जयंती भी कहा जाता है, बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह दिन भगवान गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान की प्राप्ति और महापरिनिर्वाण की स्मृति में मनाया जाता है। 2025 में यह पर्व 12 मई को मनाया जाएगा। इस दिन विशेष ध्यान, पूजा और दान की परंपरा होती है। इसके साथ ही, इस साल के विशेष शुभ योग भी हैं, जो धार्मिक कार्यों के लिए लाभकारी माने जाते हैं। जानें इस दिन का महत्व और कैसे इसे मनाया जाता है।
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बुद्ध पूर्णिमा 2025: जानें इस विशेष दिन का महत्व और शुभ योग

बुद्ध पूर्णिमा का महत्व

Buddha Purnima 2025: बुद्ध पूर्णिमा, जिसे बुद्ध जयंती और वैशाख पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह दिन भगवान गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान की प्राप्ति और महापरिनिर्वाण की स्मृति में मनाया जाता है। इस वर्ष, बुद्ध पूर्णिमा 12 मई 2025, सोमवार को मनाई जाएगी। बौद्ध अनुयायी इस दिन ध्यान, पूजा और उपदेशों के माध्यम से अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं।


बुद्ध पूर्णिमा का सामाजिक महत्व

बुद्ध पूर्णिमा का महत्व केवल धार्मिक उत्सव तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में अहिंसा, करुणा और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देने का अवसर भी है। भारत के विभिन्न हिस्सों में इस दिन को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, जिसमें पूजा, ध्यान और दान की परंपरा प्रमुख होती है।


बुद्ध पूर्णिमा की तिथि और समय

बुद्ध पूर्णिमा की तिथि और समय

  • प्रारंभ: रविवार, 11 मई 2025 को रात 8:01 बजे

  • समाप्ति: सोमवार, 12 मई 2025 को रात 10:25 बजे

यह समय बौद्ध अनुयायियों के लिए आत्म-निर्भरता और शांति की भावना को मजबूत करने का एक अवसर है।


इस साल के विशेष शुभ योग

इस साल के विशेष शुभ योग

  • व्रि‍यान योग: यह योग 22 मई की रात भर रहेगा और इसे विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस समय में किसी भी धार्मिक कार्य को करना अत्यधिक लाभकारी होता है।

  • रवि योग: यह योग 23 मई को सुबह 5:32 बजे से अगले दिन सुबह 6:12 बजे तक रहेगा। इस दौरान सूर्य की पूजा और मंत्र जाप से अत्यधिक फल की प्राप्ति होती है।

  • भद्रावास योग: यह योग 23 मई को सुबह 9:14 बजे तक रहेगा। इस समय में भद्रा का वास पाताल में होने के कारण इसे शुभ माना जाता है।


बुद्ध पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

बुद्ध पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए आत्म-निरीक्षण, अहिंसा, करुणा और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा का प्रतीक है। यह दिन न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह समाज में शांति और सद्भावना की भावना को बढ़ावा देने का भी अवसर है। इस दिन विशेष रूप से बोधगया (बिहार) स्थित महाबोधि मंदिर में पूजा और ध्यान की विशेष व्यवस्था की जाती है। भिक्षु और श्रद्धालु यहां इकट्ठा होकर प्रार्थना और ध्यान करते हैं।

इस दिन के महत्व को देखते हुए, यह केवल बौद्ध अनुयायियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हर व्यक्ति के लिए शांति और संतुलन का प्रतीक बन चुका है।