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विवाह पंचमी 2025: शुभकामनाएं और संदेश

विवाह पंचमी 2025 का पावन पर्व प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। इस दिन भगवान राम और माता सीता के दिव्य विवाह की याद में भक्तजन विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। जानें इस खास अवसर पर अपने प्रियजनों को भेजने के लिए सुंदर संदेश और शायरी। इस लेख में विवाह पंचमी के महत्व और शुभकामनाओं का संकलन प्रस्तुत किया गया है।
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विवाह पंचमी 2025: शुभकामनाएं और संदेश

विवाह पंचमी की शुभकामनाएं

विवाह पंचमी की शुभकामनाएं 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को माता सीता का स्वयंवर हुआ था। इसी दिन भगवान श्रीराम ने शिवधनुष तोड़कर माता सीता से दिव्य विवाह किया था। इस दिन को विवाह पंचमी के रूप में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।


आज विवाह पंचमी का पावन दिन है—भगवान राम और माता जानकी के दिव्य मिलन की याद में भक्तजन मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। यह दिन प्रेम, मर्यादा, त्याग और आदर्श दांपत्य का संदेश देता है।


यदि आप अपने प्रियजनों को इस खास अवसर पर शुभकामनाएं देना चाहते हैं, तो राम-सीता विवाह से जुड़े ये सुंदर संदेश और शायरी उन्हें जरूर भेजें।


विवाह पंचमी के संदेश

विवाह पंचमी के संदेश


अयोध्या-मिथिला में छाया उजियार,
राम-जानकी विवाह का मनोहारी त्यौहार।
धरती गाए, गगन भी मुस्काए,
मंगलमय हो हर परिवार।


2.
मर्यादा और स्नेह का दिव्य संगम,
राम-सीता का अनुपम मिलन।
विवाह पंचमी का संदेश यही—
प्रेम से बढ़कर नहीं कोई धन।


3.
आज सजे हैं मंदिर-द्वार,
बजते हैं मंगल के स्वर हजार।
विवाह पंचमी का पावन पर्व
ले आए खुशियों की भरमार।


विवाह पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं

विवाह पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं


4.
संग-साथ रहे तो सुगंध फैले,
बंधन में मधुरता कभी न ढले।
राम-जानकी का पावन मिलन कहे—
संबंध में संयम सबसे बड़े।


5.
सीता-राम का मिलन प्रेरणा हर जन के लिए,
प्यार निभाना क्या होता है, सीख यही दिन के लिए।
आपका दांपत्य भी ऐसा ही सुंदर रहे,
विवाह पंचमी पर प्रभु खुशियों की वर्षा करें।


6.
राम-सीता की जोड़ी जैसी पवित्रता हर घर में आए,
विश्वास और प्रेम की खुशबू सदा मन को महकाए।
विवाह पंचमी पर रिश्तों में नई रोशनी मिले,
हर दिन जीवन प्रेम की कहानी बने।


विवाह पंचमी की बधाई

विवाह पंचमी की बधाई


7.
विवाह पंचमी पर मिले प्रेरणा,
रिश्तों को निभाने का सलीका।
राम-सीता का प्रेम सिखाता है—
बंधन में समर्पण हो गहरा-दीपका।


8.
जहां त्याग और सम्मान का बंधन हो,
वो रिश्ते हर मौसम में खिलते हैं।
विवाह पंचमी समझाती यही—
प्रेम मन के हर कोने में बसते हैं।


9.
आज विवाह पंचमी पर प्रेम की दीपावली है,
राम-सीता संग जीवन में भी खुशियों की खुशहाली है।
आपके रिश्ते में रहे मधुरता हर पल,
प्रभु दूर करें जीवन के हर भ्रम।


10.
सीता-राम का मिलन प्रेम की ऊँची राह दिखाता है,
संयम और भक्ति से जीवन कैसे सुंदर बनता है सिखाता है।
विवाह पंचमी पर आपकी जोड़ी यूं ही धन्य रहे,
हर मुश्किल आसान हो, हर पल अमूल्य बने।