होलिका दहन: जानें इस पर्व के पीछे छिपे रहस्यमय लाभ और अनुष्ठान
होलिका दहन का महत्व

भारत में 'होलिका दहन' का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इसके पीछे कई कारण हैं, जो इसे विशेष बनाते हैं। यह पर्व दीपावली, जन्माष्टमी और शिवरात्रि की तरह ही महत्वपूर्ण है, खासकर तंत्र-मंत्र की सिद्धि के लिए।
होलिका का यह पर्व सुख-समृद्धि और कष्टों के निवारण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन हम निम्नलिखित विशेष उपायों से लाभ उठा सकते हैं।
(1) होलिका दहन के दर्शन से शनि, राहु और केतु के दोषों से मुक्ति मिलती है।
(2) होली की भस्म का टीका लगाने से नजर दोष और प्रेत बाधा से छुटकारा मिलता है।
(3) होली की भस्म को चांदी की डिब्बी में रखने से कई बाधाएं अपने आप दूर हो जाती हैं।
(4) कार्य में रुकावट आने पर आटे का चौमुखा दीपक सरसों के तेल से भरकर उसमें कुछ काले तिल, एक बताशा, सिन्दूर और एक तांबे का सिक्का डालें। इसे होली की अग्नि से जलाकर पीड़ित व्यक्ति पर से उतारकर सुनसान चौराहे पर रखकर बिना पीछे मुड़े वापस आएं और हाथ-पैर धोकर घर में प्रवेश करें।
(5) जलती होली में तीन गोमती चक्र लेकर अपने इच्छित कार्य को 21 बार मानसिक रूप से कहकर गोमती चक्र अग्नि में डाल दें और प्रणाम कर वापस आएं।
(6) विपत्ति नाश के लिए निम्न मंत्र की 108 आहुति दें और प्रतिदिन यथाशक्ति जप करें।
मंत्र- 'राजीव नयन धरें धनु सायक।
भगति विपति भंजन सुखदायक।।
(7) विभिन्न रोगों और उपद्रवों की शांति के लिए मंत्र-
दैहिक दैविक भौतिक तापा,
राम राज नहिं काहुहिं व्यापा।। इस मंत्र का जप होली से शुरू करें।
नौकरी प्राप्ति के लिए-
बिस्व भरन पोषन कर जोई,
ताकर नाम भरत अस होई।।
(9) विद्या प्राप्ति और साक्षात्कार में सफलता के लिए मंत्र-
गुरु गृह गए पढ़न रघुराई।
अल्प काल विद्या सब पाई।।
(10) रोजी-रोजगार, प्रमोशन और बंद धंधा चलाने के लिए मंत्र 1008 बार पढ़कर 108 आहुति दें और प्रतिदिन चींटियों को आटा-शकर-घी मिलाकर सुबह पढ़ते हुए चींटियों के बिल पर डालते जाएं। ऐसा 40 दिन करें, सफलता निश्चित मिलेगी।
मंत्र- 'ॐ नमो नगन चींटि महावीर हूं पूरों
तोरी आशा तूं पूरो मोरी आशा।।'
(11) व्यापार में घाटा होने पर होली की रात में निम्न मंत्र 1008 बार जपकर 108 आहुति दें और प्रतिदिन सुबह एक माला जपें, निश्चित लाभ होगा।
मंत्र- 'ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं श्रीमेव कुरु-कुरु वांछितनेव ह्रीं ह्रीं नम:।।