Newzfatafatlogo

2025 में शारदीय नवरात्रि: मां दुर्गा के प्रमुख मंदिरों की यात्रा

इस साल 22 सितंबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है, जिसमें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाएगी। भक्तजन देवी दुर्गा के प्रमुख मंदिरों के दर्शन के लिए उमड़ पड़ेंगे। इस लेख में हम आपको भारत के कुछ प्रसिद्ध देवी मंदिरों के बारे में बताएंगे, जैसे वैष्णो देवी, दक्षिणेश्वर काली, कामाख्या, और ज्वाला देवी मंदिर। जानें इन मंदिरों का महत्व और नवरात्रि के दौरान यहां की विशेष पूजा विधियों के बारे में।
 | 
2025 में शारदीय नवरात्रि: मां दुर्गा के प्रमुख मंदिरों की यात्रा

शारदीय नवरात्रि का महत्व

इस वर्ष 22 सितंबर 2025 से शारदीय नवरात्रि का आयोजन होने जा रहा है। इस पावन अवसर पर मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा के मंदिरों के दर्शन से भक्तों का भाग्य बदल सकता है। भारत के मंदिर न केवल धार्मिक स्थल हैं, बल्कि ये इतिहास और स्थापत्य कला का अद्वितीय उदाहरण भी प्रस्तुत करते हैं। देवी दुर्गा के मंदिर विशेष रूप से श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होते हैं। ये स्थल सांस्कृतिक धरोहर और सनातन परंपराओं का प्रतीक हैं। इसलिए, 2025 की नवरात्रि के आरंभ होते ही, लाखों भक्त देश के प्रसिद्ध मां दुर्गा मंदिरों के दर्शन के लिए निकल पड़ते हैं। भक्तजन मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए व्रत और पूजा-अर्चना करते हैं, जिससे उनकी इच्छाएं पूरी होती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, नवरात्रि के दौरान देवी मंदिरों के दर्शन से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और धन-धान्य की कमी नहीं होती। आइए, जानते हैं इन प्रमुख मंदिरों के बारे में:


वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू और कश्मीर

भारत के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक, वैष्णो देवी मंदिर त्रिकूट पर्वतमाला पर स्थित है। श्रद्धालु माता की गुफा तक पहुंचने के लिए कठिन चढ़ाई करते हैं या पिट्ठू की सवारी करते हैं। पहाड़ियों पर "जय माता दी" के उद्घोष से वातावरण भक्ति में डूब जाता है। ऊपर से दृश्य मंदिर की सुंदरता को और बढ़ा देता है।


दक्षिणेश्वर काली मंदिर, पश्चिम बंगाल

कोलकाता में हुगली नदी के किनारे स्थित यह मंदिर देवी काली का है, जो दुर्गा मां का एक रौद्र रूप हैं। 19वीं शताब्दी में रानी रश्मोनी द्वारा निर्मित, इसकी अद्भुत वास्तुकला और नदी के किनारे होने के कारण यह एक अनिवार्य स्थल है। इस मंदिर का संत रामकृष्ण परमहंस से भी गहरा संबंध है, इसलिए नवरात्रि में यहां पूजा अवश्य करें।


कामाख्या मंदिर, असम

असम की राजधानी गुवाहाटी में स्थित कामाख्या मंदिर शक्तिपीठों में से एक है। भक्त इसे दिव्य स्त्री शक्ति का अवतार मानते हैं। यहां का अंबुबाची मेला हर साल हजारों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है और एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है। इस मंदिर का दर्शन अवश्य करें।


ज्वाला देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा घाटी में स्थित ज्वाला देवी मंदिर में कोई मूर्ति नहीं है। देवी की पूजा जलती हुई ज्वालाओं के रूप में की जाती है, जो इसे रहस्यमय और पवित्र बनाती है। नवरात्रि के दौरान श्रद्धालु यहां पूजा करने अवश्य आते हैं।


चामुंडेश्वरी मंदिर, कर्नाटक

मैसूर में चामुंडी पहाड़ियों पर स्थित यह मंदिर 1,000 साल पुराना है। तीर्थयात्री 1,000 सीढ़ियां चढ़कर मंदिर तक पहुंचते हैं और मैसूर के खूबसूरत दृश्यों का आनंद लेते हैं। इस बार शारदीय नवरात्रि में इस मंदिर के दर्शन का कार्यक्रम अवश्य बनाएं।


कालीघाट मंदिर, पश्चिम बंगाल

कोलकाता में स्थित कालीघाट मंदिर शक्तिपीठों में से एक है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह वह स्थान है जहां देवी सती के दाहिने पैर का अंगूठा गिरा था। मंदिर का चहल-पहल भरा वातावरण श्रद्धालुओं की भक्ति को दर्शाता है।


करणी माता मंदिर, राजस्थान

राजस्थान के बीकानेर में स्थित करणी माता मंदिर अपने हजारों चूहों के लिए प्रसिद्ध है, जिन्हें पवित्र माना जाता है। यहां एक सफेद चूहे का दर्शन भी शुभ माना जाता है। नवरात्रि में इस मंदिर के दर्शन अवश्य करें, यहां जाने से आपकी मनोकामना पूरी होगी।