71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में 'द केरल स्टोरी' की चर्चा
फिल्म पुरस्कारों की नई बहस
1 अगस्त को घोषित 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों ने फिल्म उद्योग और दर्शकों के बीच एक नई चर्चा को जन्म दिया है। इस बार 'द केरल स्टोरी' ने विशेष ध्यान आकर्षित किया, जिसे सर्वश्रेष्ठ निर्देशन और सर्वश्रेष्ठ सिनेमैटोग्राफी के लिए सम्मानित किया गया। कई दर्शकों और समीक्षकों ने इसे एक साहसी कदम माना, जबकि कुछ आलोचकों ने इसे विचारधारा के दृष्टिकोण से देखा।फिल्म के निर्देशक सुदीप्तो सेन को बेस्ट डायरेक्टर का पुरस्कार मिला, जबकि प्रशांतु महापात्रा को सिनेमैटोग्राफी के लिए सम्मानित किया गया। लेकिन सवाल यह उठता है कि एक विवादित फिल्म को इतने बड़े पुरस्कार कैसे मिले? इस पर जूरी अध्यक्ष आशुतोष गोवारिकर ने स्पष्ट किया कि सिनेमैटोग्राफी तकनीकी दृष्टि से अत्यंत प्रभावशाली थी और कैमरे का काम फिल्म की कहानी को वास्तविकता के करीब लाने में सफल रहा।
गोवारिकर ने यह भी स्वीकार किया कि फिल्म की थीम संवेदनशील थी, लेकिन निर्देशक ने इसे जिस स्पष्टता से प्रस्तुत किया, वह प्रशंसा के योग्य था। उन्होंने जोर देकर कहा कि फिल्म को सर्वसम्मति से चुना गया और जूरी के भीतर गहन विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया।
2023 में रिलीज हुई 'द केरल स्टोरी' को शुरुआत से ही विरोध का सामना करना पड़ा। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे केरल की कुछ महिलाएं आतंकी संगठनों के जाल में फंसती हैं। कई दर्शकों और संगठनों ने इसे 'गुमराह करने वाला कंटेंट' बताते हुए फिल्म पर सवाल उठाए। कुछ राज्यों में इसे बैन भी किया गया।
हालांकि, इस विवाद के बीच फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन किया, भारत में इसकी कमाई 241 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। विश्व स्तर पर इसका कुल संग्रह 302 करोड़ रुपये रहा। अदाह शर्मा की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म ने सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न कीं।
जो दर्शक इस चर्चित फिल्म को अब तक नहीं देख पाए हैं, उनके लिए यह जी5 (ZEE5) पर स्ट्रीमिंग के लिए उपलब्ध है। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इसकी मौजूदगी ने इसे एक नया दर्शक वर्ग भी दिया है, जो सिनेमा हॉल तक नहीं जा पाए थे।