MSC IRINA का विझिंजम बंदरगाह पर आगमन: भारत के समुद्री इतिहास में नया अध्याय

MSC IRINA का सफल आगमन
दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर जहाज MSC IRINA ने सोमवार को केरल के तिरुवनंतपुरम जिले में स्थित विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह पर सफलतापूर्वक दस्तक दी. जहाज की बर्थिंग प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिससे भारत के समुद्री इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है. इस बंदरगाह का संचालन अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (APSEZ) द्वारा किया जा रहा है.
प्रधानमंत्री का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल 2 मई को विझिंजम बंदरगाह का भव्य उद्घाटन किया था. यह बंदरगाह लगभग 8,900 करोड़ रुपये की लागत से बना है और इसे भारत का पहला समर्पित कंटेनर ट्रांसशिपमेंट सी-पोर्ट माना जा रहा है.
MSC IRINA की दक्षिण एशियाई यात्रा
पहली दक्षिण एशियाई यात्रा पर MSC IRINA
अडानी समूह ने रविवार को बताया कि दुनिया के इस सबसे बड़े कंटेनर जहाज ने विझिंजम से अपनी पहली आधिकारिक यात्रा की शुरुआत की है. यह जहाज दक्षिण एशिया में अपनी पहली बर्थिंग के लिए यहां आया है, जो भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.
विशालता में अद्वितीय
चार फुटबॉल मैदान जितना लंबा जहाज
MSC IRINA की लंबाई 399.9 मीटर और चौड़ाई 61.3 मीटर है, जो इसे फीफा द्वारा निर्धारित एक फुटबॉल मैदान से चार गुना लंबा बनाती है. इस जहाज को मार्च 2023 में लॉन्च किया गया था और अप्रैल 2023 से इसकी सेवा शुरू हुई.
भारत की ट्रांसशिपमेंट क्षमता
ट्रांसशिपमेंट में भारत की नई ताकत
अब तक भारत के 75 फीसदी ट्रांसशिपमेंट कंटेनर श्रीलंका के कोलंबो बंदरगाह के ज़रिए मैनेज किए जाते थे, जिससे विदेशी मुद्रा और लॉजिस्टिक खर्च में नुकसान होता था. लेकिन अब विझिंजम बंदरगाह की क्षमता भारत को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी और विदेशी मुद्रा और राजस्व में इजाफा होगा.
रणनीतिक महत्व
रणनीतिक स्थिति से बढ़ेगा महत्व
यह बंदरगाह अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट से केवल 10 समुद्री मील की दूरी पर स्थित है. इसकी अर्ध-स्वचालित प्रणाली और गहराई इसे वैश्विक समुद्री नेटवर्क में विशिष्ट बनाती है.
भारत का समुद्री व्यापार में नया कदम
भारत के लिए एक बड़ा कदम
विझिंजम बंदरगाह की सफलता के साथ ही भारत ने समुद्री व्यापार में एक बड़ा कदम आगे बढ़ाया है. MSC IRINA जैसी वैश्विक जहाजों की यहां बर्थिंग भारत के वैश्विक समुद्री मानचित्र पर नई जगह तय करेगी और ‘मेक इन इंडिया’ व ‘ग्लोबल गेटवे इंडिया’ को मजबूती देगी.