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शारदीय नवरात्र: मां कूष्मांडा की पूजा से मिलेंगे दोगुने लाभ

शारदीय नवरात्र का चौथा दिन मां कूष्मांडा की पूजा के लिए विशेष है। इस दिन दुर्लभ शिववास योग और भद्रावास योग बन रहे हैं, जो भक्तों को दोगुना फल देने का वादा करते हैं। जानें इस दिन की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी।
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शारदीय नवरात्र: मां कूष्मांडा की पूजा से मिलेंगे दोगुने लाभ

मां कूष्मांडा की पूजा से संकटों का समाधान

 

 

शारदीय नवरात्र का चौथा दिन
आज, 26 सितंबर, शारदीय नवरात्र का चौथा दिन है। इस दिन मां कूष्मांडा की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत रखने से भक्त की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

 

ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं, जिसमें दुर्लभ शिववास योग भी शामिल है। मां कूष्मांडा की पूजा करने से भक्त को दोगुना फल प्राप्त होगा। आइए, इस दिन के शुभ मुहूर्त और योग के बारे में जानते हैं।

 

शुभ मुहूर्त

शारदीय नवरात्र की चतुर्थी तिथि 26 सितंबर को सुबह 09:32 बजे तक है। इसके बाद पंचमी तिथि शुरू होगी। भक्त अपनी सुविधा के अनुसार इस समय मां कूष्मांडा की पूजा कर सकते हैं और दान-पुण्य भी कर सकते हैं।

 

सुख और सौभाग्य में वृद्धि

ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन शिववास योग का निर्माण हो रहा है, जो सुबह 09:32 बजे से प्रभावी होगा। इसके साथ भद्रावास योग भी बन रहा है, जो इसी समय तक रहेगा। इन योगों में मां कूष्मांडा की पूजा करने से भक्त के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।

 

पूजा विधि

शारदीय नवरात्र के चौथे दिन सूर्योदय से पहले उठें और घर की सफाई करें। गंगाजल छिड़ककर घर को शुद्ध करें। नित्य कार्यों के बाद स्नान करें। यदि संभव हो तो गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। इसके बाद आचमन कर व्रत का संकल्प लें। हरे, लाल या पीले कपड़े पहनें। फिर पंचोपचार विधि से मां कूष्मांडा की पूजा करें। पूजा के दौरान चालीसा और स्तोत्र का पाठ करें और मंत्र का जप करें। पूजा का समापन आरती से करें।

 

अन्य जानकारी

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