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Raksha Bandhan 2023: जानें शुभ मुहूर्त और राखी बांधने की विधि

रक्षाबंधन 2023 पर जानें शुभ मुहूर्त और राखी बांधने की सही विधि। इस साल सर्वार्थ सिद्धि योग और शोभन योग के साथ, बहनें बिना किसी चिंता के अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं। जानें राहुकाल का समय और श्रावण पूर्णिमा का महत्व, जो इस पर्व को और भी खास बनाता है।
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Raksha Bandhan 2023: जानें शुभ मुहूर्त और राखी बांधने की विधि

Raksha Bandhan Shubh Muhurat

Raksha Bandhan Shubh Muhurat: आज रक्षाबंधन के अवसर पर सर्वार्थ सिद्धि योग और शोभन योग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष के अनुसार, ये दोनों योग अत्यंत शुभ माने जाते हैं। इन योगों में किए गए कार्यों में सफलता की संभावना अधिक होती है। इस दिन राखी बांधना, दान-पुण्य करना और पूजा करना विशेष फलदायी रहेगा। शास्त्रों में यह कहा गया है कि भद्रा काल में राखी नहीं बांधनी चाहिए, लेकिन इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का कोई प्रभाव नहीं है। इसका अर्थ है कि बहनें बिना किसी चिंता के अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं, जिससे भाई की उम्र और समृद्धि में वृद्धि होती है।


राहुकाल का ध्यान रखें

राखी बांधने के समय राहुकाल का भी ध्यान रखना आवश्यक है, क्योंकि इसे अशुभ समय माना जाता है। आज राहुकाल सुबह 9:07 बजे से 10:47 बजे तक रहेगा। इस समय के दौरान राखी बांधने से बचना उचित होगा, ताकि त्योहार का शुभ प्रभाव बना रहे।


कुल 7 घंटे 37 मिनट का मुहूर्त

आज राखी बांधने का कुल शुभ समय 7 घंटे 37 मिनट है। सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक का समय सबसे उपयुक्त है। इस अवधि में बहनें अपनी सुविधानुसार भाई को राखी बांध सकती हैं। इस समय में पूजा और मिठाई का आदान-प्रदान भी किया जा सकता है।


राखी बांधने की विधि

सुबह स्नान के बाद पूजा की थाली तैयार करें, जिसमें राखी, मिठाई, रोली, चावल और दीपक शामिल हों। भाई को उत्तर या पूर्व दिशा की ओर बैठाकर उसके माथे पर तिलक करें, फिर राखी बांधें और मिठाई खिलाएं। इस दौरान भाई की मंगलकामना और लंबी उम्र के लिए मंत्र का जाप करें।


श्रावण पूर्णिमा का महत्व

आज रक्षाबंधन के साथ श्रावण पूर्णिमा का स्नान और दान भी है। इस दिन स्नान, दान और व्रत करने से पापों का नाश होता है और पुण्य की वृद्धि होती है। बहनों के लिए यह दिन अपने भाइयों की रक्षा और खुशहाली के लिए विशेष महत्व रखता है। रक्षाबंधन केवल एक रस्म नहीं है, बल्कि भाई-बहन के प्यार और विश्वास का प्रतीक है। यह दिन दोनों को याद दिलाता है कि वे हमेशा एक-दूसरे की रक्षा और साथ निभाने का वादा करते हैं। यही कारण है कि यह पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है।