अहमदाबाद विमान हादसे ने विमानन सुरक्षा पर उठाए सवाल

दुखद विमान हादसा
गुरुवार, 12 जून को अहमदाबाद में घटित विमान दुर्घटना अत्यंत दुखद और चिंताजनक है। इस घटना ने भारत के विमानन उद्योग की छवि और भविष्य की संभावनाओं को प्रभावित किया है। हवाई यात्रा की सुरक्षा के प्रति जो विश्वास था, वह इस हादसे से निश्चित रूप से कमजोर हुआ है। जनहानि की भयावहता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर देखा जा सकता है। 13 जून को जब वे स्थिति का जायजा लेने और पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे, तो उनकी शारीरिक भाषा और चेहरे के भाव से उनकी चिंता स्पष्ट थी।
विमानन क्षेत्र में मोदी का योगदान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 11 वर्षों के कार्यकाल में विमानन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। उनका यह कथन कि, 'हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज से उड़ेगा', भारत के विमानन क्षेत्र की प्रगति और आम आदमी की आकांक्षाओं का प्रतीक है। पिछले एक दशक में, सरकार ने 80 से अधिक नए हवाई अड्डे स्थापित किए हैं। केंद्र सरकार की 'उड़ान' योजना के तहत छोटे शहरों में हवाई अड्डों का निर्माण किया गया और उन्हें प्रमुख शहरों से जोड़ा गया।
दुर्घटना का विवरण
हाल ही में हुए विमान हादसे में लगभग 275 लोगों की जान गई है, जो आजाद भारत के इतिहास में दूसरा सबसे बड़ा विमान हादसा है। बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि यह विमान पिछले 14 वर्षों में पहली बार दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। एयर इंडिया की उड़ान संख्या एआई-171, जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, के बारे में कई जानकारियां सामने आ रही हैं।
जांच प्रक्रिया
हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए विमान के ब्लैक बॉक्स की जांच की जा रही है। फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर से सही जानकारी प्राप्त होगी। एएआईबी सहित आठ एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं। प्रारंभिक निष्कर्षों के अनुसार, तकनीकी खामी के कारण यह हादसा हुआ।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि टेकऑफ के बाद विमान की ऊंचाई 600 फीट तक गई, लेकिन इसके इंजन फेल हो गए। विमान एक मेडिकल कॉलेज के ऊपर गिरा, जिसमें 30 से अधिक लोगों की जान गई। इस हादसे में एक यात्री, रमेश विश्वास कुमार, बच गए, जबकि अन्य सभी 229 यात्री मारे गए।
संभावित कारण
विशेषज्ञों ने कई संभावित कारण बताए हैं, जैसे लैंडिंग गियर का खुला रहना, इंजन की कमी, और पायलट की मानवीय त्रुटियां। कैप्टेन स्टीव ने तकनीकी और मानवीय कारणों की ओर इशारा किया है।
सुरक्षा में सुधार की आवश्यकता
इस हादसे ने विमानन सुरक्षा और ग्राउंड हैंडलिंग प्रक्रियाओं में सुधार की आवश्यकता को उजागर किया है। विमानन कंपनियों को उड़ानों के बीच समय का अंतराल बढ़ाना चाहिए और सुरक्षा जांच को अधिक गंभीरता से लेना चाहिए।