आंवला नवमी: महत्व और पूजा विधि
आंवला नवमी का महत्व
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर 2025, आंवला नवमी की आरती: सनातन धर्म में आंवला नवमी का विशेष स्थान है। यह दिन कार्तिक महीने की नवमी तिथि को मनाया जाता है और इसे अक्षया नवमी भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान कृष्ण ने कंस का वध किया था।
कहा जाता है कि इस दिन आंवले का सेवन करने से व्यक्ति को उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घायु और पुण्य की प्राप्ति होती है। इसलिए, आंवले के वृक्ष की पूजा का भी इस दिन विशेष महत्व है।
भगवान विष्णु की पूजा का महत्व
भगवान विष्णु की पूजा क्यों करें
आंवला नवमी के अवसर पर भगवान विष्णु की आराधना करने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से विष्णु जी की आरती करता है, उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं और विष्णु जी के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा करती हैं ताकि घर में धन और सौभाग्य बना रहे।
आंवला नवमी की आरती
आंवला नवमी की आरती (Amla Navami Ki Aarti)
आरती श्री विष्णु जी की
जय जय जय विष्णु भगवान, भक्तन के सुखदायी।
करुणा सागर देवन के, संकट हरन सहाय।।
जय जय जय विष्णु भगवान…
लक्ष्मीपति हे हरि हर, जग पालन करत तुम्हीं।
दीन दुखी जन की सुधि, सदा लीजिए हरि जी।।
ब्रह्मा विष्णु महेश, तीनों में तुम प्रधान।
जो शरण तुम्हारी आए, उसका करो कल्याण।।
जय जय जय विष्णु भगवान, भक्तन के सुखदायी।
इस आरती को श्रद्धा से करने पर कहा जाता है कि विष्णु जी प्रसन्न होकर हर इच्छा पूरी करते हैं।
ॐ जय जगदीश हरे
ॐ जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट
दास जनों के संकट
क्षण में दूर करे
ॐ जय जगदीश हरे
जो ध्यावे फल पावे
दुःखबिन से मन का
स्वामी दुःखबिन से मन का
सुख सम्पति घर आवे
कष्ट मिटे तन का
ॐ जय जगदीश हरे
मात पिता तुम मेरे
शरण गहूं किसकी
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी
तुम बिन और न दूजा
आस करूं मैं जिसकी
ॐ जय जगदीश हरे
तुम पूरण परमात्मा
तुम अन्तर्यामी
स्वामी तुम अन्तर्यामी
पारब्रह्म परमेश्वर
तुम सब के स्वामी
ॐ जय जगदीश हरे
तुम करुणा के सागर
स्वामी तुम पालनकर्ता
मैं मूरख फलकामी
कृपा करो भर्ता
ॐ जय जगदीश हरे
तुम हो एक अगोचर
स्वामी सबके प्राणपति
किस विधि मिलूं दयामय
ॐ जय जगदीश हरे
दीन-बन्धु दुःख-हर्ता
ठाकुर तुम मेरे
स्वामी रक्षक तुम मेरे
अपने हाथ उठाओ
अपने शरण लगाओ
द्वार पड़ा तेरे
ॐ जय जगदीश हरे
विषय-विकार मिटाओ
पाप हरो देवा
स्वामी पाप हरो देवा
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ
सन्तन की सेवा
ॐ जय जगदीश हरे
ॐ जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट
दास जनों के संकट
क्षण में दूर करे
ॐ जय जगदीश हरे
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, आंवला नवमी के दिन आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है।
यह दिन आध्यात्मिक शुद्धि और स्वास्थ्य लाभ का प्रतीक भी माना जाता है।
