इंदिरा एकादशी: पितरों की शांति और समृद्धि के लिए विशेष उपाय
इंदिरा एकादशी का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ पितरों को मोक्ष दिलाने के उपाय किए जाते हैं। जानें इस दिन किन स्थानों पर दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि आती है और दरिद्रता दूर होती है। इस लेख में इंदिरा एकादशी के दिन किए जाने वाले विशेष उपायों और पितृ पूजन मंत्रों की जानकारी दी गई है।
Sep 17, 2025, 05:47 IST
| 
भगवान विष्णु की पूजा का दिन
भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है यह दिन
इंदिरा एकादशी का हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान है। यह व्रत पितृ पक्ष के दौरान आता है और भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है और परिवार में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इस दिन कुछ विशेष स्थानों पर दीपक जलाने से घर से दुख और दरिद्रता दूर होती है।
इंदिरा एकादशी पर करें ये उपाय
- तुलसी: तुलसी को भगवान विष्णु का प्रिय माना जाता है। इस दिन शाम को तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं, जिससे घर में सुख-समृद्धि आती है।
- पीपल: पीपल के पेड़ में देवताओं का वास माना जाता है। शाम को पीपल के पेड़ के पास सरसों के तेल का दीपक जलाने से पितरों को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- घर के मुख्य द्वार पर: घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना शुभ माना जाता है। इंदिरा एकादशी पर मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।
- मंदिर: इस दिन भगवान विष्णु और पितरों को समर्पित दीपक मंदिर में जलाएं। यह दीपक घर के मंदिर में या किसी भी धार्मिक स्थल पर जलाया जा सकता है, जिससे व्रत का फल दोगुना बढ़ जाता है।
- पितरों के नाम से: इस दिन पितरों के नाम से एक दीपक घर की दक्षिण दिशा में जलाना चाहिए। यह दिशा पितरों की मानी जाती है, जिससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है।
पितृ पूजन मंत्र
- ॐ श्री पितृभ्य: नम:
- देवताभ्य: पितृभ्यश्च महा योगिभ्य एव च।
- नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:।।
ॐ पितृभ्य: स्वधायिभ्य: पितृगणाय च नम:। - ॐ वासुदेवाय विघ्माहे वैधयाराजाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात्।
- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे अमृता कलसा हस्थाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात्
जानें पितृपक्ष में कितने पिंडदान करने चाहिए
ये भी पढ़ें : जानें पितृपक्ष में कितने पिंडदान करने चाहिए