ईरान में जल संकट: 90% डैम सूख चुके, इजराइल ने मदद की पेशकश की

ईरान में जल संकट की गंभीरता
ईरान में जल संकट एक गंभीर समस्या बन गई है, जो सूखे और कम वर्षा के कारण उत्पन्न हुई है। पिछले पांच वर्षों से देश भीषण सूखे का सामना कर रहा है, और इस वर्ष भी बारिश की मात्रा बहुत कम रही है। इस स्थिति के चलते, देश के बांधों में पानी की मात्रा केवल 42 प्रतिशत रह गई है, जबकि लगभग 90 प्रतिशत डैम सूख चुके हैं। इस पानी की कमी के मद्देनजर, सरकार ने नागरिकों के लिए कई नए नियम लागू किए हैं।
सरकारी नियम और इजराइल की प्रतिक्रिया
तेहरान और अन्य शहरों में पानी की भारी कमी के कारण, सरकार ने हर नागरिक को प्रतिदिन केवल 130 लीटर पानी का उपयोग करने का निर्देश दिया है। इससे अधिक पानी का उपयोग करने पर जुर्माना लगाया जाएगा। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि बड़े शहरों में जल संसाधनों का उचित प्रबंधन नहीं किया गया, तो सितंबर या अक्टूबर तक बांध पूरी तरह सूख सकते हैं। जल संकट के कारण तालाबों और नदियों पर अत्यधिक दबाव पड़ रहा है, जिससे भूमि धंसने की समस्या भी बढ़ रही है। इसके अलावा, बिजली की कमी भी बढ़ रही है। राष्ट्रपति पेजेशकियान ने इस संकट के समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद की संभावनाएं तलाशना शुरू कर दिया है।
नेतन्याहू की मदद की पेशकश
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के जल संकट पर तंज करते हुए मदद की पेशकश की है। उन्होंने एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने पानी पीकर शुरुआत की और कहा कि उन्हें ईरान के लोगों की चिंता है। नेतन्याहू ने बताया कि इजराइल अपने 90 प्रतिशत खराब पानी को रिसायकल करता है और वह ईरान को ऐसी तकनीक सिखाने के लिए तैयार हैं। इसके लिए वे फारसी में एक वेबसाइट भी शुरू करेंगे।
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