उत्पन्ना एकादशी: पूजा विधि और उपवास के सही तरीके जानें
उत्पन्ना एकादशी, जो हर साल मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है, इस वर्ष 15 नवंबर को है। इस दिन भगवान विष्णु और माता तुलसी की पूजा का विशेष महत्व है। पूजा विधि और उपवास के सही तरीके जानने के लिए इस लेख को पढ़ें। जानें कि कैसे इस दिन की पूजा को सरलता से किया जा सकता है और उपवास के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
| Nov 15, 2025, 06:49 IST
भगवान विष्णु की पूजा का महत्व
उत्पन्ना एकादशी का व्रत हर साल मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष यह व्रत 15 नवंबर को है। इस दिन भगवान विष्णु और माता तुलसी की विशेष पूजा की जाती है। पूजा विधि को समझने में मदद के लिए नीचे विस्तृत जानकारी दी गई है।
पूजा विधि और उपवास के तरीके
- उत्पन्ना एकादशी की शुरुआत सुबह जल्दी उठकर करें। नहाने से पहले घर की हल्की सफाई करें और शांत वातावरण बनाएं। नहाने के बाद हल्के रंग के कपड़े पहनें।
- एक साफ स्थान चुनें जहां पूजा की जा सके। वहां एक लकड़ी की चौकी रखें और उस पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। तुलसी का पौधा होना भी शुभ माना जाता है।
- पूजा शुरू करने से पहले दीप जलाएं। आप तेल या घी का उपयोग कर सकते हैं। धूप-बत्ती जलाकर वातावरण को सुगंधित करें।
- भगवान विष्णु के सामने तांबे या पीतल के लोटे में पानी चढ़ाएं और पीले या सफेद फूल रखें।
- आप लंबे मंत्रों का जाप करने के बजाय 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का जप कर सकते हैं। इसे 11 या 21 बार करें।
- तुलसी को जल चढ़ाना शुभ माना जाता है। हल्का सा पानी डालें और एक दिया जलाकर रखें।
- उपवास का तरीका व्यक्ति के अनुसार भिन्न हो सकता है। कोई केवल पानी पीता है, तो कोई फल या हल्का भोजन करता है।
- शाम को फिर से दीप जलाकर भगवान विष्णु को प्रणाम करें।
- एकादशी का उपवास अगले दिन सूर्योदय के बाद हल्का भोजन लेकर खोला जाता है।
