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एकादशी: भगवान विष्णु की पूजा का विशेष दिन और इसके महत्व

एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो हर महीने दो बार आती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से पापों से मुक्ति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। जानें एकादशी के विभिन्न प्रकार, उनके महत्व और व्रत के नियम। क्या आप जानते हैं कि एकादशी के दिन क्या करना चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? इस लेख में हम आपको सभी जानकारी देंगे।
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एकादशी: भगवान विष्णु की पूजा का विशेष दिन और इसके महत्व

एकादशी का महत्व और तिथियाँ


हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने दो बार एकादशी तिथि आती है - एक बार शुक्ल पक्ष में और एक बार कृष्ण पक्ष में। इस प्रकार, साल में कुल 24 एकादशियाँ होती हैं। हालांकि, जब अधिकमास (मलमास) या क्षयमास होता है, तो एकादशियों की संख्या बढ़कर 26 या 27 तक पहुँच सकती है। एकादशी का संबंध भगवान विष्णु से है, और इस दिन उपवास रखकर उनकी पूजा करने से पापों से मुक्ति, सुख-समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है.


एकादशी तिथि का विशेष महत्व

एकादशी तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह तिथि हर महीने दो बार आती है, एक बार चाँद के बढ़ने के समय (शुक्ल पक्ष) और एक बार घटने के समय (कृष्ण पक्ष)। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से पापों से मुक्ति, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।


मुख्य एकादशियों के नाम और उनका महत्व

1. पुत्रदा एकादशी (पौष शुक्ल पक्ष) - संतान की प्राप्ति के लिए।


2. षट्तिला एकादशी (माघ कृष्ण पक्ष) - तिल का महत्व, पाप नष्ट करने वाला।


3. जया एकादशी (माघ शुक्ल पक्ष) - मोक्षदायक व्रत।


4. विजया एकादशी (फाल्गुन कृष्ण पक्ष) - सफलता और विजय का व्रत।


5. आमलकी एकादशी (फाल्गुन शुक्ल पक्ष) - आयु वृद्धि और पवित्रता।


6. पापमोचिनी एकादशी (चैत्र कृष्ण पक्ष) - सभी पापों का नाश।


7. कामदा एकादशी (चैत्र शुक्ल पक्ष) - मनोकामनाओं की पूर्ति।


8. वरूथिनी एकादशी (वैशाख कृष्ण पक्ष) - सौभाग्य प्रदान करती है।


9. मोहिनी एकादशी (वैशाख शुक्ल पक्ष) - मोह से मुक्ति।


10. अपरा एकादशी (ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष) - स्वर्गलोक की प्राप्ति।


11. निर्जला एकादशी (ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष) - सबसे कठिन व्रत।


12. योगिनी एकादशी (आषाढ़ कृष्ण पक्ष) - स्वास्थ्य और शांति।


13. देवशयनी एकादशी (आषाढ़ शुक्ल पक्ष) - चातुर्मास की शुरुआत।


14. कामिका एकादशी (श्रावण कृष्ण पक्ष) - सौभाग्य देने वाली।


15. पवित्रा एकादशी (श्रावण शुक्ल पक्ष) - मन और शरीर की शुद्धि।


16. अजा एकादशी (भाद्रपद कृष्ण पक्ष) - पापों से मुक्ति।


17. पार्श्व एकादशी (भाद्रपद शुक्ल पक्ष) - भगवान विष्णु की करवट।


18. इंदिरा एकादशी (आश्विन कृष्ण पक्ष) - पितरों की आत्मा की शांति।


19. पापांकुशा एकादशी (आश्विन शुक्ल पक्ष) - नरक से मुक्ति।


20. रमा एकादशी (कार्तिक कृष्ण पक्ष) - धन और सौभाग्य।


21. देवउठनी एकादशी (कार्तिक शुक्ल पक्ष) - विवाह मुहूर्त की शुरुआत।


22. उत्पन्ना एकादशी (मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष) - शक्ति देने वाला।


23. मोक्षदा एकादशी (मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष) - मोक्ष प्रदान करती है।


24. सफला एकादशी (पौष कृष्ण पक्ष) - सफलता और समृद्धि।


व्रत के नियम और विशेष बातें

एकादशी के दिन अनाज और चावल का सेवन नहीं किया जाता। व्रति को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु के नाम का जाप, भजन और कथा सुनना शुभ माना जाता है। यह व्रत न केवल शरीर को पवित्र करता है, बल्कि आत्मा को भी शुद्ध और शांत बनाता है।