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एकादशी श्राद्ध 2025: पितृ दोष से मुक्ति के उपाय और शुभ मुहूर्त

एकादशी श्राद्ध 2025 का महत्व और इसके दौरान किए जाने वाले विशेष उपायों के बारे में जानें। पितृपक्ष की तिथियों का महत्व, शुभ मुहूर्त और पितृ दोष से मुक्ति के उपायों की जानकारी प्राप्त करें। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे एकादशी श्राद्ध के दिन पूजा-पाठ और उपायों के माध्यम से अपने पितरों को श्रद्धांजलि दे सकते हैं।
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एकादशी श्राद्ध 2025: पितृ दोष से मुक्ति के उपाय और शुभ मुहूर्त

एकादशी श्राद्ध का महत्व

Ekadashi Shradh 2025: पितृपक्ष की 15 तिथियों का विशेष महत्व है। हर तिथि पर किसी न किसी deceased व्यक्ति का श्राद्ध किया जाता है। द्रिक पंचांग के अनुसार, पितृपक्ष 7 सितंबर 2025 से शुरू हो रहा है और इसका समापन 21 सितंबर 2025 को होगा। इस दौरान, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि, जो 17 सितंबर 2025 को है, पर एकादशी श्राद्ध किया जाएगा। इस दिन शुक्ल और कृष्ण पक्ष दोनों में उन परिवार के सदस्यों का श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु एकादशी तिथि पर हुई हो। कई राज्यों में इसे ग्यारस श्राद्ध भी कहा जाता है।


एकादशी श्राद्ध की पूजा का शुभ मुहूर्त

17 सितंबर 2025 को दोपहर 12:13 से 01:02 बजे तक कुतुप मुहूर्त रहेगा। इसके बाद रौहिण मुहूर्त शुरू होगा, जो 01:52 बजे तक चलेगा। इसके अतिरिक्त, अपराह्न काल 01:52 से 04:22 बजे तक रहेगा।


पितृ दोष से मुक्ति के उपाय


  • श्राद्ध पूजा के बाद किसी जरूरतमंद को अनाज, वस्त्र या धन का दान करें। गाय को हरा चारा खिलाएं और अपने पितरों का स्मरण करें। इस उपाय से पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है।

  • यदि आप पितृ दोष का सामना कर रहे हैं, तो इस दिन किसी पंडित से पितृ स्तोत्र या गरुड़ पुराण का पाठ कराएं। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी।

  • एकादशी श्राद्ध के दिन व्रत रखें, भगवान विष्णु की पूजा करें और उन्हें तुलसी, फूल, फल और पंचामृत चढ़ाएं। घर की दक्षिण दिशा में पितरों के नाम पर दीपक जलाएं। इस उपाय से उनकी आत्मा को शांति मिलेगी।