एनडीडीबी की नई पहल: किसानों से रोजाना 1500 टन गोबर खरीदेगा

किसानों को गोबर की मिलेगी अच्छी कीमत
नई दिल्ली: नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे गांवों में गोबर के ढेर कम होते नजर आएंगे। एनडीडीबी देश के छह राज्यों में 15 बायोगैस प्लांट स्थापित कर रहा है, जिनमें किसानों से खरीदे गए गोबर का उपयोग कर क्लीन एनर्जी का उत्पादन किया जाएगा।
किसानों से गोबर की खरीद
एनडीडीबी इन बायोगैस प्लांट्स के लिए किसानों से 1 रुपये प्रति किलो की दर से गाय का गोबर खरीदेगा। इन प्लांट्स को सुचारु रूप से चलाने के लिए हर दिन 1,500 टन गोबर की आवश्यकता होगी। वर्तमान में, एनडीडीबी लगभग 300-400 टन गोबर प्रतिदिन खरीद रहा है।
इन राज्यों में बन रहे प्लांट
एनडीडीबी ये 15 सीबीजी प्लांट गुजरात, गोवा, महाराष्ट्र, राजस्थान, ओडिशा और बिहार में स्थापित कर रहा है। प्रत्येक प्लांट की क्षमता 100 टन प्रतिदिन होगी और एक प्लांट की लागत लगभग 50 करोड़ रुपये होगी। कुल मिलाकर इस परियोजना पर 750 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
बनास डेयरी ने दिखाई राह
गुजरात की बनास डेयरी ने सबसे पहले बनासकांठा जिले में एक बायोगैस प्लांट स्थापित किया था। इसके बाद, एनडीडीबी ने सुजुकी आरएंडडी सेंटर इंडिया और बनास डेयरी के साथ मिलकर चार और प्लांट लगाने की योजना बनाई है, जो अब निर्माणाधीन हैं।
कई डेयरियों से किया समझौता
एनडीडीबी ने गुजरात में अमूल डेयरी, दूधसागर डेयरी, बड़ौदा डेयरी और साबर डेयरी के साथ भी बायोगैस प्लांट स्थापित करने के लिए समझौते किए हैं। इसके अलावा, वलसाड, अमरेली, पंचमहल और सुरेंद्रनगर की छोटी डेयरियों से भी करार किया गया है।
गैस का थर्मल एनर्जी के रूप में होगा प्रयोग
गुजरात के बाहर, एनडीडीबी ने गोवा, महाराष्ट्र (महानंदा डेयरी), राजस्थान, ओडिशा और बिहार (बरौनी डेयरी) में भी प्लांट स्थापित करने के लिए समझौते किए हैं। खास बात यह है कि बिहार और ओडिशा के प्लांट्स से बनी गैस का उपयोग थर्मल एनर्जी (ऊष्मा उत्पादन) के लिए किया जाएगा।
किसानों के लिए अतिरिक्त आमदनी का साधन बनेगी योजना
एनडीडीबी की यह पहल किसानों के लिए अतिरिक्त आमदनी का एक साधन बनेगी और साथ ही गांवों में गोबर की सफाई और स्वच्छता में सुधार लाएगी। इसके अलावा, यह परियोजना स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में भारत को एक कदम आगे बढ़ाएगी।