कजरी तीज: पति की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना का पर्व

कजरी तीज का महत्व
हर वर्ष कजरी तीज का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए व्रत करती हैं। इसे बड़ी तीज भी कहा जाता है। इस अवसर पर भगवान शिव और माता पार्वती की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल यह व्रत 22 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। इस लेख में हम आपको इस व्रत की उत्पत्ति और इसके पीछे की पौराणिक कथा के बारे में बताएंगे.
कजरी तीज का पर्व क्यों मनाया जाता है
यह पर्व माता पार्वती और भगवान शिव के मिलन का प्रतीक है। इस दिन विवाहित महिलाएं व्रत रखती हैं और शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन देवी पार्वती ने कठोर तपस्या करके भगवान शिव को प्रसन्न किया और उन्हें अपने पति के रूप में प्राप्त किया। कहा जाता है कि इस व्रत को करने से इच्छित वर की प्राप्ति होती है।
कजरी तीज की पौराणिक कथा
कजरी तीज व्रत से जुड़ी कई कथाएं प्रचलित हैं। एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक गांव में एक ब्राह्मण अपनी पत्नी के साथ रहता था। जब भाद्रपद महीने की कजरी तीज आई, तो ब्राह्मणी ने कठिन व्रत का पालन किया। उसने अपने पति से चने का सत्तू लाने के लिए कहा। ब्राह्मण ने कहा कि वह सत्तू कहां से लाएगा, तो ब्राह्मणी ने कहा कि उसे सत्तू चाहिए, चाहे वह चोरी करके ही क्यों न लाए।
ब्राह्मण की कठिनाई
पत्नी की इच्छा पूरी करने के लिए ब्राह्मण साहूकार की दुकान पर गया और वहां से चने की दाल, शक्कर और घी लेकर सत्तू बनाया। लेकिन जब वह दुकान से बाहर निकला, तो साहूकार के नौकर जाग गए और चोर-चोर चिल्लाने लगे। साहूकार ने ब्राह्मण को पकड़ लिया। ब्राह्मण ने कहा कि वह चोर नहीं है, बल्कि उसकी पत्नी ने कजरी तीज का व्रत रखा है और वह केवल सवा किलो सत्तू लेने आया था।
साहूकार की दया
साहूकार ने ब्राह्मण की तलाशी ली, लेकिन उसके पास केवल सत्तू था। तभी चांद निकल आया और ब्राह्मणी सत्तू का इंतजार कर रही थी। ब्राह्मण की स्थिति देखकर साहूकार भावुक हो गया और उसने कहा कि वह उसकी पत्नी को अपनी धर्म बहन मानता है। इसके बाद साहूकार ने ब्राह्मण को सत्तू, गहने, पैसे और अन्य सामान देकर विदा किया। इस प्रकार ब्राह्मणी ने अपनी पूजा पूरी की और ब्राह्मण का जीवन भी सुखमय हो गया। इस व्रत का पालन करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आने लगते हैं।