करनाल: महाभारत के दानवीर कर्ण का ऐतिहासिक शहर

करनाल: कर्ण की वीरता का प्रतीक
करनाल, हरियाणा: यह ऐतिहासिक नगर महाभारत के महान योद्धा कर्ण से जुड़ा हुआ है: हरियाणा के कुछ चुनिंदा शहरों में से एक, करनाल का नाम सुनते ही एक पौराणिक वीरता की छवि सामने आती है। यह शहर दानवीर राजा कर्ण के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है।
ऐतिहासिक मान्यताओं के अनुसार, करनाल की स्थापना स्वयं राजा कर्ण द्वारा की गई थी, और इसे महाभारत काल से भी पुराना माना जाता है।
कर्ण के नाम पर स्थापित इस नगर में आज भी ऐसे स्थल मौजूद हैं जो उनकी वीरता और उदारता की गवाही देते हैं।
कर्णताल: दानवीरता और भक्ति का प्रतीक
कर्णताल: कर्ण की दानवीरता और भक्ति का प्रतीक
करनाल के मध्य स्थित कर्णताल सरोवर एक ऐसा स्थल है, जिसे राजा कर्ण की सुबह की पूजा और स्वर्ण दान की परंपरा से जोड़ा जाता है।
कहा जाता है कि कर्ण प्रतिदिन स्नान करके भगवान शिव को जल अर्पित करते थे और अपने शरीर के वजन के बराबर सोना दान करते थे (Karna donation story)।
यह सरोवर आज भी स्थानीय संस्कृति और श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है, जहां हर वर्ष हजारों श्रद्धालु आते हैं।
महाभारत की अंतिम दान कथा
महाभारत युद्ध के अंतिम दिन, जब कर्ण मृत्यु शैय्या पर थे, भगवान कृष्ण और अर्जुन ब्राह्मण के रूप में उनके पास पहुंचे।
उन्होंने स्वर्ण दान मांगा, और कर्ण ने अपने सोने के दांत देने की इच्छा जताई।
जब कृष्ण ने दांत की शुद्धता पर सवाल उठाया, तो कर्ण ने अपने धनुष से पृथ्वी को भेदकर जल उत्पन्न किया और उस जल से दांत धोकर दान दिया।
यह प्रसंग कर्ण की असाधारण दानवीरता का अंतिम उदाहरण है, जो करनाल को एक पौराणिक गरिमा प्रदान करता है।