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करवा चौथ 2025: सुहागिनों के लिए विशेष महत्व और सरगी की तैयारी

करवा चौथ 2025 का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। यह व्रत 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा, जिसमें महिलाएं निर्जला रहकर अपने पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं। इस दिन की शुरुआत सरगी से होती है, जो सास द्वारा दी जाती है। जानें सरगी की थाली में क्या-क्या शामिल होता है और इसका महत्व क्या है।
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करवा चौथ 2025: सुहागिनों के लिए विशेष महत्व और सरगी की तैयारी

करवा चौथ का महत्व

करवा चौथ 2025: करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो उन्हें अखंड सौभाग्य प्रदान करता है। इस वर्ष, करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस दिन व्रति महिलाओं को निर्जला रहकर व्रत का पालन करना होता है। चंद्र दर्शन के बाद पूजा करने के बाद, पति के हाथों से जल ग्रहण करने की परंपरा है।


सरगी का महत्व

करवा चौथ की शुरुआत सरगी से होती है, जिसे महिलाएं सूर्योदय से पहले ग्रहण करती हैं। सरगी की थाली का विशेष महत्व होता है, जिसे सास अपनी बहू को व्रत आरंभ करने से पहले देती हैं।

सरगी की थाली में फल, मिठाई, मेवे, सेवई और मठरी जैसी चीजें शामिल होती हैं। इसे खाने से पूरे दिन ऊर्जा बनी रहती है। परंपरागत रूप से, सरगी में श्रृंगार की वस्तुएं जैसे चूड़ियां, बिंदी और साड़ी भी दी जाती हैं। इस दिन सूर्योदय से पहले सरगी खाकर निर्जला व्रत की शुरुआत होती है। सरगी की थाली में पौष्टिक और शुभ आहार होना आवश्यक है, ताकि उपवास के दौरान शरीर में ऊर्जा बनी रहे।