करवाचौथ पर 16 श्रृंगार का महत्व और सूची

करवाचौथ का महत्व और श्रृंगार की जानकारी
महत्व और श्रृंगार की जानकारी
करवाचौथ 16 श्रृंगार, नई दिल्ली: आज भारत के विभिन्न हिस्सों में करवा चौथ का व्रत मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं। करवाचौथ पर सुहागिन महिलाओं के लिए सोलह श्रृंगार का विशेष महत्व होता है। यह मान्यता है कि सोलह श्रृंगार न केवल सौंदर्य में वृद्धि करता है, बल्कि भाग्य में भी सुधार लाता है और करवा माता को प्रसन्न करता है। प्रत्येक श्रृंगार की वस्तु का अपना विशेष महत्व है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, व्रत करने वाली महिलाओं को श्रृंगार अवश्य करना चाहिए। इससे न केवल भाग्य में वृद्धि होती है, बल्कि दांपत्य जीवन भी सुखमय रहता है। करवाचौथ पर सोलह श्रृंगार करने से सौंदर्य में वृद्धि के साथ-साथ अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। आइए जानते हैं कि करवाचौथ पर सोलह श्रृंगार का क्या महत्व है और इसकी पूरी सूची क्या है।
करवाचौथ पर सोलह श्रृंगार का महत्व
यह मान्यता है कि करवाचौथ पर सोलह श्रृंगार करने से करवा माता प्रसन्न होती हैं और व्रत करने वाली महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। ऋग्वेद के अनुसार, सोलह श्रृंगार महिलाओं के सौंदर्य को बढ़ाने के साथ-साथ उनके भाग्य में भी वृद्धि करता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, सोलह श्रृंगार करने से पति की आयु लंबी होती है और दांपत्य जीवन सुखद बना रहता है।
इसके अलावा, इसे श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक भी माना जाता है, और सोलह श्रृंगार करने से करवाचौथ का व्रत पूर्ण होता है। श्रृंगार में हर वस्तु का अपना अलग महत्व होता है। मेहंदी पति-पत्नी के प्रेम का प्रतीक है, मंगलसूत्र मजबूत रिश्ते का और सिंदूर पति की लंबी आयु के लिए होता है।
करवाचौथ 16 श्रृंगार की सूची
- सिंदूर
- मेहंदी
- बिंदी - सौभाग्य का प्रतीक
- मंगलसूत्र
- चूड़ियां
- मांगटीका
- आलता
- काजल
- नथ
- पायल
- बिछिया
- झूमके
- साड़ी/नए वस्त्र
- कमरबंद
- बाजूबंद
- गजरा
करवाचौथ पर जरूरी श्रृंगार
सोलह श्रृंगार करना शुभ माना जाता है। लेकिन आजकल सभी श्रृंगार करना कठिन हो सकता है। ऐसे में मान्यता है कि यदि महिलाएं सभी 16 श्रृंगार नहीं कर पाती हैं, तो उन्हें कम से कम 6 श्रृंगार अवश्य करने चाहिए।
पति की लंबी आयु के लिए सिंदूर
सुहागिन महिलाओं को सिंदूर लगाना चाहिए। इसे शादीशुदा जीवन का प्रतीक माना जाता है, जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। करवाचौथ के दिन सिंदूर लगाना आवश्यक है, क्योंकि इससे पति की आयु लंबी होती है।
मजबूत रिश्ते के लिए मंगलसूत्र
करवाचौथ के दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को मंगलसूत्र पहनना चाहिए। यह पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाता है और वैवाहिक जीवन में खुशहाली लाता है। इसे पति-पत्नी को जोड़ने वाला सूत्र माना जाता है।
मेहंदी का रंग प्रेम का प्रतीक
करवाचौथ पर हाथों में मेहंदी लगवाने से पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है। मेहंदी का रंग जीवनसाथी के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस श्रृंगार से वैवाहिक जीवन सुखद बना रहता है।
सुख-समृद्धि के लिए चूड़ियां
करवाचौथ पर चूड़ियां पहनने का विशेष महत्व है और इसे सुहाग का प्रतीक माना जाता है। इस दिन लाल, हरी, पीली, केसरिया आदि शुभ रंगों की चूड़ियां पहननी चाहिए। इससे वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है और सुख-समृद्धि बनी रहती है।
बिछिया है भाग्यवर्धक श्रृंगार
बिछिया को सुहाग का प्रतीक माना जाता है। करवाचौथ के दिन इसे अवश्य धारण करें। इसे केवल सुहागिन महिलाएं पहनती हैं और यह भाग्यवर्धक माना जाता है। इससे वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
करवाचौथ पर बिंदी का महत्व
सुहागिन महिलाओं द्वारा बिंदी लगाने से नवग्रह शांत होते हैं, जिससे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, बिंदी धारण करने से सुहागिन महिला का भाग्य सूर्य के समान चमक सकता है।