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किसान की बेटियों ने UPSC में सफलता से रचा इतिहास

तमिलनाडु के कडलुर जिले की दो बहनों, ईश्वर्या और सुष्मिता रामनाथन ने अपनी मेहनत और लगन से UPSC परीक्षा में सफलता पाई है। सुष्मिता ने छठे प्रयास में IPS बनकर एक मिसाल पेश की, जबकि ईश्वर्या ने पहले प्रयास में IAS बनकर अपनी प्रतिभा साबित की। इनकी कहानी न केवल संघर्ष और समर्पण की है, बल्कि यह उन युवाओं के लिए प्रेरणा भी है जो संसाधनों की कमी को अपनी कमजोरी मानते हैं। जानें कैसे इन बहनों ने कठिनाइयों का सामना किया और सफलता की नई ऊंचाइयों को छुआ।
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किसान की बेटियों ने UPSC में सफलता से रचा इतिहास

UPSC की सफलता की कहानी

UPSC Success Story: जब हौसले मजबूत होते हैं, तो मुश्किलें भी पीछे हट जाती हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है तमिलनाडु के कडलुर जिले की दो बहनों ने, जिनका नाम है ईश्वर्या रामनाथन और सुष्मिता रामनाथन।


इन दोनों बहनों ने अपनी मेहनत से यूपीएससी (UPSC) जैसी कठिन परीक्षा को न केवल पास किया, बल्कि एक प्रेरणा भी बनीं। ये बहनें एक किसान परिवार से आती हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी संसाधनों की कमी को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया।


एक बनीं IAS और दूसरी IPS


सुष्मिता रामनाथन का सफर आसान नहीं था। उन्होंने 2022 में अपने छठे प्रयास में UPSC पास किया और 528वीं रैंक हासिल की। यह यात्रा किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं थी। 5 बार असफल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी।


कई बार ऐसा लगा कि अब नहीं होगा, लेकिन उन्होंने खुद को हर बार कहा कि अभी तो शुरुआत है और अपनी तैयारी जारी रखी। उनकी मेहनत रंग लाई और आज वे गर्वित IPS अधिकारी हैं।


वहीं, ईश्वर्या रामनाथन, जो सुष्मिता की बड़ी बहन हैं, ने भी UPSC परीक्षा दी और पहले प्रयास में 630वीं रैंक प्राप्त की। लेकिन उन्होंने और बेहतर करने का निर्णय लिया और दोबारा परीक्षा दी, जिसमें 44वीं रैंक के साथ IAS अधिकारी बन गईं।


22 साल की उम्र में IAS बनना कोई साधारण बात नहीं है। आज वे थुथुकुडी जिले में एडिशनल कलेक्टर के रूप में कार्यरत हैं। सच में, ये दोनों बहनें सुपर सिस्टर्स हैं।


सफर आसान नहीं था


इन दोनों बहनों का सफर बिल्कुल भी सरल नहीं था। 2004 में आई सुनामी ने उनका घर तबाह कर दिया था। आर्थिक तंगी के बावजूद, उनके माता-पिता ने हमेशा शिक्षा को प्राथमिकता दी।


कठिनाइयों के बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी। जब अन्य लोग 'Netflix and Chill' कर रहे थे, तब ये बहनें 'Study and Skill' कर रही थीं, और इसका परिणाम यह है कि आज दोनों बहनें देश की सेवा कर रही हैं।


किसान की बेटियां बनीं प्रेरणा


अगर आप सोचते हैं कि बिना कोचिंग के UPSC पास नहीं किया जा सकता, तो इन दोनों बहनों की कहानी आपको गलत साबित कर देगी। उन्होंने अपनी खुद की रणनीति बनाई, यूट्यूब से पढ़ाई की और खुद को प्रेरित किया।


आज इन दोनों बहनों की सफलता उन लाखों युवाओं के लिए एक सबक है जो मानते हैं कि बिना महंगे संसाधनों के कुछ बड़ा नहीं किया जा सकता। मेहनत और लगन से सफलता आपके कदम चूमेगी।


हालांकि उनके पिता किसान हैं, लेकिन उन्होंने अपनी बेटियों को हमेशा बड़ा सोचने और मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। उनकी मेहनत रंग लाई और दोनों बहनें आज अफसर हैं।