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किसानों की सफलता: सहफसली खेती से चार गुना मुनाफा

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के किसान अंकुर त्यागी ने सहफसली खेती के माध्यम से चार फसलें उगाकर खेती में मुनाफा कमाने का एक नया तरीका खोजा है। उन्होंने जैविक खाद का उपयोग करके अपनी फसलों की गुणवत्ता में सुधार किया है, जिससे उनकी उपज की मांग बढ़ी है। अंकुर का मानना है कि एकल फसल पर निर्भर रहना अब घाटे का सौदा है और उन्होंने अन्य किसानों को सहफसली खेती अपनाने की सलाह दी है। उनकी सफलता ने यह साबित कर दिया है कि नई तकनीकें अपनाने से खेती लाभकारी हो सकती है।
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किसानों की सफलता: सहफसली खेती से चार गुना मुनाफा

किसानों की सफलता की कहानी

किसानों की सफलता: सहफसली खेती से चार गुना मुनाफा उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के किसान अंकुर त्यागी ने अपने 3 एकड़ के खेत में एक साथ चार फसलें उगाकर यह साबित कर दिया है कि सही तकनीक का उपयोग करके खेती से शानदार लाभ कमाया जा सकता है।


अंकुर ने अपने खेत में हल्दी और गन्ने के साथ-साथ मूंग और उड़द की फसलें भी उगाई। इससे न केवल उत्पादन में विविधता आई, बल्कि लागत में भी कमी आई। उन्होंने बताया कि एक ही खेत में इन फसलों को उगाने से निराई-गुड़ाई का खर्च भी कम हो गया।


ऑर्गेनिक खेती से बढ़ती मांग


अंकुर त्यागी ने अपनी खेती में जैविक खाद का उपयोग किया, जिससे उनकी फसलों की गुणवत्ता में सुधार हुआ। इस कारण उनकी उपज की मांग अब दूर-दूर के बाजारों से आने लगी है।


उन्होंने कहा कि सहफसली खेती से फसलें जल्दी तैयार होती हैं और बाजार में उनकी कीमत भी अच्छी मिलती है, जिससे उन्हें हर सीजन में स्थायी आय प्राप्त हो रही है।


अन्य किसानों के लिए प्रेरणा


अंकुर त्यागी का मानना है कि आज के समय में एकल फसल पर निर्भर रहना घाटे का सौदा है। उन्होंने अन्य किसानों से आग्रह किया है कि वे भी सहफसली खेती अपनाएं और एक ही खेत में कई फसलें उगाकर अपने मुनाफे को बढ़ाएं।


उनकी सफलता ने यह सिद्ध कर दिया है कि यदि किसान पारंपरिक तरीकों से हटकर नई तकनीक अपनाएं, तो खेती घाटे का नहीं बल्कि लाभ का सौदा बन सकती है। सहफसली खेती अब ग्रामीण भारत में एक नया मॉडल बन रही है।