गणपति विसर्जन के लिए 10 महत्वपूर्ण नियम और शुभ मुहूर्त

गणपति विसर्जन के नियम
Ganpati Visarjan Rules: गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है, और अब बप्पा की विदाई का समय नजदीक आ रहा है। कई लोग अपने घरों में गणपति की मूर्ति स्थापित करते हैं और 10 दिन बाद उनकी विसर्जन की रस्म निभाते हैं।
यदि आप भी इस बार बप्पा की विदाई की तैयारी कर रहे हैं, तो कुछ जरूरी नियमों को जान लेना बेहद आवश्यक है। इन नियमों का पालन करके आप बप्पा को सम्मान के साथ विदा कर सकते हैं। आइए जानते हैं गणपति विसर्जन के 10 खास नियम और शुभ मुहूर्त।
गणपति विसर्जन के 10 जरूरी नियम
गणपति विसर्जन से पहले बप्पा की पूजा और आरती करना अनिवार्य है। इसके लिए फल, फूल, सुपारी, चावल, हल्दी, 21 दूर्वा, कुमकुम और मिठाई से उनकी पूजा करें। विसर्जन के समय बप्पा का मुख घर की ओर रखें, ताकि वे घर को आशीर्वाद दे सकें।
एक नारियल या सुपारी को हल्दी और चावल के साथ लाल कपड़े में लपेटकर तिजोरी में रखें, यह ऋद्धि-सिद्धि और शुभ-लाभ का प्रतीक है। विसर्जन के दौरान काले कपड़े न पहनें और किसी से झगड़ा न करें। बप्पा के चरणों में झुककर परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।
इसके अलावा, बप्पा को 5 मोदक चढ़ाएं और इसे भक्तों में बांटें। पर्यावरण का ध्यान रखते हुए घर में साफ बर्तन या बाल्टी में पानी भरकर विसर्जन करें और बाद में उस पानी को पेड़ या पौधों में डाल दें।
विसर्जन से पहले बप्पा की 3 बार परिक्रमा करें और “गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ” जैसे जयकारे लगाएं। मूर्ति पर अक्षत चढ़ाएं और उनके हाथों पर दही मलें। विसर्जन हमेशा अपने हाथों से पानी में करें, न कि मूर्ति को किसी पूल से नीचे फेंककर।
गणपति विसर्जन का शुभ मुहूर्त
गणपति विसर्जन का शुभ मुहूर्त 6 सितंबर 2025 को सुबह 7:36 से 9:10 बजे तक, दोपहर 12:19 से शाम 5:02 बजे तक और फिर शाम 6:37 से रात 8:02 बजे तक रहेगा। इन समयों में बप्पा की विदाई विधि-विधान से करें, ताकि उनकी कृपा बनी रहे।