गणेश चतुर्थी 2025: शुभ मुहूर्त और धार्मिक मान्यताएँ
गणेश चतुर्थी 2025 का पर्व 27 अगस्त को मनाया जाएगा, जिसमें भगवान गणेश की पूजा और विसर्जन की प्रक्रिया शामिल है। जानें इस दिन के शुभ योग, मुहूर्त और धार्मिक मान्यताएँ। इस पर्व का महत्व और अनंत चतुर्दशी पर होने वाले विसर्जन की जानकारी भी प्राप्त करें।
Aug 25, 2025, 13:14 IST
| 
गणेश चतुर्थी का महत्व
धार्मिक परंपराओं के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इस दिन को गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है, और इसे पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व की शुरुआत 10 दिनों तक चलने वाले गणेश महोत्सव से होती है, जिसमें विभिन्न स्थानों पर भगवान गणेश की प्रतिमाएँ स्थापित की जाती हैं और उनकी पूजा की जाती है।
दर्शन और विसर्जन
इस दौरान बड़ी संख्या में लोग भगवान गणेश के दर्शन के लिए आते हैं। 10 दिन बाद, अनंत चतुर्दशी पर, गानों और बाजों के साथ भगवान गणेश को विदाई दी जाती है। इस अवसर पर उनकी प्रतिमा को महासागर, तालाब आदि में विसर्जित किया जाता है। इस वर्ष गणेश चतुर्थी 27 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी, और अनंत चतुर्दशी का समापन 06 सितंबर को होगा, जिसे गणेश विसर्जन के नाम से भी जाना जाता है।
शुभ योग
गणेश चतुर्थी पर शुभ योग, शुक्ल योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बन रहे हैं। इसके साथ ही हस्त नक्षत्र और चित्रा नक्षत्र भी रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05:57 बजे से 06:04 मिनट तक रहेगा। रवि योग भी इसी समय मान्य होगा। इस दिन शुभ योग सुबह से दोपहर 12:35 बजे तक रहेगा।
इस दिन से बचें
गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रदर्शन से बचना चाहिए। चंद्रोदय सुबह 09:28 मिनट पर होगा और चंद्रमा का अस्त होना रात 08:57 मिनट तक रहेगा।
शुभ समय
धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान गणेश का जन्म दोपहर में हुआ था, इसलिए उनकी स्थापना भी इसी समय की जानी चाहिए। हिंदू पंचांग के अनुसार, 26 अगस्त को दोपहर 12:40 बजे चतुर्दशी तिथि की शुरुआत होगी, जो 27 अगस्त को दोपहर 03:44 बजे तक मान्य रहेगी।
शुभ मुहूर्त
27 अगस्त को 11:45 से 12:55 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा, जो गणपति की प्रतिमा की स्थापना के लिए सबसे शुभ माना जाता है। इसके अलावा, 27 अगस्त की दोपहर 01:39 से शाम 06:05 बजे तक भी शुभ मुहूर्त रहेगा।