गणेश चतुर्थी पर गाएं 'गणपति बप्पा मोरया' के बोल और अर्थ

गणेश चतुर्थी का उत्सव और भजन का महत्व
गणपति बप्पा मोरया के बोल: गणेश चतुर्थी पर भक्ति का उत्सव! मुंबई: गणेश चतुर्थी का पर्व नजदीक आ रहा है और हर जगह ‘गणपति बप्पा मोरया’ की धुन सुनाई दे रही है। यह भक्ति गीत भक्तों में उत्साह भर देता है और भगवान गणेश के स्वागत का प्रतीक है।
यदि आप इस गणेश चतुर्थी पर ‘गणपति बप्पा मोरया’ गाना चाहते हैं, तो हम आपके लिए इसके बोल और हिंदी में अर्थ लेकर आए हैं। साथ ही, जानें कि इस भजन का क्या महत्व है और इसे क्यों गाया जाता है।
गणपति बप्पा मोरया के बोल और उनका अर्थ
गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया। अगले साल जल्दी आना।
अर्थ: गणपति बप्पा की जय! हे मंगलमूर्ति, अगले वर्ष जल्दी पधारें।
सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची। नुरवी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची।
अर्थ: आप सुख देने वाले, दुख हरने वाले और बाधाओं को दूर करने वाले हैं। आपकी कृपा और प्रेम का सागर है।
सर्वांगी सुंदर उटी शेंदूराची। कंठी झळके माल मुकताफळांची।
अर्थ: आपका रूप सुंदर है, लाल शेंदूर से सजा शरीर और गले में मोतियों की माला शोभायमान है।
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ति। दर्शनमात्रे मनकामना पुरती।
अर्थ: जय हो मंगलमूर्ति! आपके दर्शन से ही भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
रत्नखचित फरा तूज गौरीकुमरा। चरणी वंदितो मोरया हुंकारा।
अर्थ: हे गौरीपुत्र, रत्नों से सजा मुकुट पहने हैं। हम आपके चरणों में प्रणाम करते हैं और अगले साल आने का आग्रह करते हैं।
‘गणपति बप्पा मोरया’ गाने का कारण
‘गणपति बप्पा मोरया’ भक्तों का श्रद्धापूर्ण जयघोष है, जिसमें वे गणपति से अगले साल जल्दी लौटने और शुभ फल देने की प्रार्थना करते हैं। यह भजन गणेश चतुर्थी के उत्सव को और भी जीवंत बनाता है, और भक्त इसे पूरे उत्साह के साथ गाते हैं।