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गणेश चतुर्थी पर तुलसी के अर्पण का रहस्य

गणेश चतुर्थी के अवसर पर भक्त गणेश जी की पूजा करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्हें तुलसी क्यों नहीं चढ़ाई जाती? एक प्राचीन कथा के अनुसार, तुलसी ने गणेश जी को विवाह का प्रस्ताव ठुकराने पर श्राप दिया था। इसके बाद गणेश जी ने तुलसी को भी श्राप दिया कि उनका विवाह एक राक्षस से होगा। इस लेख में जानें इस कथा का पूरा विवरण और गणेश जी की पूजा में तुलसी के वर्जित होने का कारण।
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गणेश चतुर्थी पर तुलसी के अर्पण का रहस्य

तुलसी ने गणेश जी को दिया श्राप


गणेश चतुर्थी का पर्व आ चुका है
गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जा रहा है, और इस अवसर पर भक्त गणेश जी को अपने घरों में लाते हैं। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता माना जाता है, इसलिए हर शुभ कार्य की शुरुआत उनकी पूजा से होती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि गणेश जी को तुलसी क्यों नहीं चढ़ाई जाती?


एक प्राचीन कथा के अनुसार, तुलसी ने गणेश जी को विवाह का प्रस्ताव ठुकराने पर श्राप दिया था। इसके बाद गणेश जी ने तुलसी को श्राप दिया कि उनका विवाह एक राक्षस से होगा और उनकी पूजा में तुलसी का उपयोग नहीं होगा।


तुलसी की विवाह की इच्छा

कथा के अनुसार, एक बार गणेश जी गंगा के किनारे तपस्या कर रहे थे, तभी देवी तुलसी वहां से गुजरीं। उन्होंने गणेश जी को ध्यान में लीन देखा और उनके रूप पर मोहित हो गईं।


गणेश जी उस समय रत्न जटित सिंहासन पर विराजमान थे, और उनके शरीर पर सुगंधित चंदन लगा हुआ था। देवी तुलसी के मन में गणेश जी से विवाह करने की इच्छा जागृत हुई।


विवाह प्रस्ताव का अस्वीकार

तुलसी ने विवाह का प्रस्ताव रखने के लिए गणेश जी का ध्यान भंग किया। गणेश जी इस बात से नाराज हुए और उन्होंने अपने ब्रह्मचारी होने का हवाला देते हुए प्रस्ताव को ठुकरा दिया।


तुलसी का श्राप

गणेश जी द्वारा विवाह प्रस्ताव ठुकराने पर तुलसी जी ने उन्हें श्राप दिया कि उनके दो विवाह होंगे। इसीलिए गणेश जी की दो पत्नियां हैं - रिद्धि और सिद्धि।


गणेश जी का तुलसी को श्राप

तुलसी के श्राप देने पर गणेश जी ने भी उन्हें श्राप दिया कि उनका विवाह एक असुर से होगा। यह सुनकर तुलसी जी डर गईं और उन्होंने गणेश जी से माफी मांगी। गणेश जी ने कहा कि उनका विवाह शंखचूर्ण राक्षस से होगा।


कलयुग में तुलसी का महत्व

गणेश जी के श्राप के बाद, तुलसी जी ने माफी मांगी। गणेश जी ने कहा कि वे भगवान विष्णु की प्रिय रहेंगी और कलयुग में मोक्षदायिनी होंगी, लेकिन गणेश जी की पूजा में उन्हें अर्पित करना अशुभ होगा। इसीलिए गणेश जी की पूजा में तुलसी का प्रयोग वर्जित है।