गणेश चतुर्थी: व्रत कथा का महत्व और भगवान गणेश की कृपा
गणेश चतुर्थी का पर्व श्रद्धा और धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन व्रत कथा का पाठ करना विशेष महत्व रखता है, जो भगवान गणेश के जन्म और उनके जीवन से जुड़ी है। इस कथा का पाठ करने से भक्तों को भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जानें इस कथा का महत्व और कैसे आप भी बप्पा की कृपा पा सकते हैं।
Sep 2, 2025, 17:54 IST
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गणेश चतुर्थी का पर्व
गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे देश में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन व्रत कथा का पाठ करना या सुनना विशेष महत्व रखता है। यह कथा भगवान गणेश के जन्म और उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं से संबंधित है, जिससे भक्तों को यह समझने में मदद मिलती है कि गणपति को विघ्नहर्ता क्यों कहा जाता है। मान्यता है कि इस कथा का पाठ करने से व्रती को पूर्ण फल प्राप्त होता है और भगवान गणेश का आशीर्वाद मिलता है।
व्रत कथा का पाठ
गणेश उत्सव के दौरान किसी भी समय गणेश चतुर्थी व्रत कथा का पाठ किया जा सकता है। ऐसा करने से जातक को अक्षय पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस साल गणेश उत्सव 27 अगस्त से प्रारंभ हो रहा है, इसलिए आप भी इस कथा का पाठ करके बप्पा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। यह कथा न केवल आध्यात्मिक लाभ देती है, बल्कि आस्था और समर्पण की भावना को भी मजबूत करती है।
व्रत कथा
व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार मां पार्वती ने भगवान शिव से संतान सुख की कामना की। भगवान शिव ने उन्हें आश्वासन दिया और भगवान गणेश का जन्म हुआ। गणेश का जन्म एक अद्भुत तरीके से हुआ। कहा जाता है कि एक दिन मां पार्वती स्नान कर रही थीं और उन्होंने अपने शरीर की सफाई के लिए उबटन का उपयोग किया। इस उबटन से एक बालक का निर्माण हुआ।
मां पार्वती ने इस बालक का नाम विनायक रखा। लेकिन बाद में भगवान शिव और विनायक के बीच विवाद हुआ, जिसके कारण भगवान शिव ने क्रोध में आकर विनायक का सिर काट दिया। फिर विनायक के सिर पर हाथी का मस्तक लगाया गया और इस प्रकार उनका पुनर्जन्म हुआ। तब विनायक का नाम गणपति रखा गया। जिस दिन गणपति का नया जन्म हुआ, वह भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि थी। इसी कारण आज भी भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी गणेश चतुर्थी के रूप में मनाई जाती है। गणेश चतुर्थी पर इस कथा का पाठ करने से व्रत करने वाले को पूरा फल मिलता है। भगवान गणेश व्यक्ति के दुख-दर्द को दूर कर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।