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गणेश विसर्जन 2025: जानें शुभ मुहूर्त और मंत्र

गणेश विसर्जन 2025 का समय नजदीक आ रहा है। जानें इस विशेष दिन का शुभ मुहूर्त, विसर्जन का मंत्र और इसके पीछे का महत्व। यह पर्व न केवल बप्पा की विदाई का प्रतीक है, बल्कि जीवन के अनित्य स्वरूप को भी दर्शाता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप इस दिन को विशेष बना सकते हैं।
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गणेश विसर्जन 2025: जानें शुभ मुहूर्त और मंत्र

गणेश विसर्जन का समय और महत्व

गणेश विसर्जन: गणेशोत्सव का उत्साह अपने चरम पर है और अब बप्पा को विदाई देने का समय आ गया है। गणेश चतुर्थी से आरंभ होने वाला यह 10 दिन का पर्व अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन के साथ समाप्त होता है। इस वर्ष अनंत चतुर्दशी 6 सितंबर 2025, शनिवार को मनाई जाएगी।


यदि आप भी बप्पा को श्रद्धा के साथ विदाई देना चाहते हैं, तो आइए जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त, विसर्जन का सही मंत्र और इसका महत्व।


गणेश विसर्जन 2025: आज का शुभ मुहूर्त


ज्योतिषाचार्य सचिन पंडित के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर 2025, शनिवार को सुबह 03:12 बजे शुरू होगी और 7 सितंबर, रविवार को तड़के 01:41 बजे समाप्त होगी। इस दिन 10 दिन की पूजा के बाद गणपति का विसर्जन किया जाएगा। आइए देखें 6 सितंबर के शुभ मुहूर्त:
सुबह (शुभ): 07:36 AM से 09:10 AM
दोपहर (लाभ, अमृत): 12:19 PM से 05:02 PM
शाम (लाभ): 06:37 PM से 08:02 PM
रात (शुभ, अमृत, चर): 09:28 PM से अगले दिन 01:45 AM
इन समयों में गणेश विसर्जन करना सबसे शुभ माना जाता है। इस दौरान बप्पा की विदाई भावुक और श्रद्धापूर्ण तरीके से की जाती है।


गणेश विसर्जन का खास मंत्र


पंडित पवन कुमार के अनुसार, विसर्जन के समय भक्तों को यह मंत्र अवश्य बोलना चाहिए:
“गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ स्वस्थानं त्वरितं गज। पूजितोऽसि मया भक्त्या पुनरागमनाय च।”
इस मंत्र का अर्थ है, “हे गणेश जी, आप अपने दिव्य स्थान पर जाएं। मैंने भक्ति से आपकी पूजा की है, कृपया अगले साल फिर हमारे घर आएं।” इस मंत्र के साथ बप्पा को प्रणाम करें और उनकी पुनः वापसी की प्रार्थना करें।


गणेश विसर्जन का महत्व


गणेश विसर्जन केवल एक रस्म नहीं है, बल्कि यह जीवन का एक महत्वपूर्ण सबक है। यह हमें सिखाता है कि जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है। बप्पा का आगमन और विदाई इस बात का प्रतीक है कि सुख-दुख आते-जाते रहते हैं। हमें अपने कर्म और विश्वास पर ध्यान देना चाहिए। यह परंपरा आस्था, भक्ति और जीवन के चक्र को समझने का अवसर प्रदान करती है।