गुरप्रीत का अनोखा ट्रैक्टर ट्राली फूड कार्ट: विदेश छोड़कर भारत में नया सफर

गुरप्रीत का अनोखा स्टार्टअप
गुरप्रीत का ट्रैक्टर ट्राली फूड कार्ट: हरियाणा में एक नई शुरुआत: ट्रैक्टर ट्राली फूड कार्ट ने कुरुक्षेत्र की सड़कों पर एक नई पहचान बनाई है। हरियाणा के हंससाला गांव के निवासी गुरप्रीत ने विदेश की चकाचौंध को छोड़कर अपने देश में कुछ नया करने का निर्णय लिया। उन्होंने यूरोप में छह साल बिताने के बाद अपनी जड़ों की ओर लौटकर एक पुरानी ट्रैक्टर ट्राली को एक आधुनिक फूड कार्ट में परिवर्तित किया।
यह कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि मेहनत और जुनून से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। आइए, जानें गुरप्रीत के इस अनोखे स्टार्टअप (Unique startup India) की कहानी।
विदेश से वतन की ओर: गुरप्रीत की प्रेरक यात्रा
गुरप्रीत ने 2014 से 2020 तक ऑस्ट्रिया में समय बिताया। वहां के खान-पान और स्वच्छता ने उन्हें बहुत प्रभावित किया, लेकिन हमेशा अपने देश लौटने की इच्छा उनके मन में बनी रही।
2020 में भारत लौटने के बाद, उन्होंने अपने किसान परिवार की पृष्ठभूमि को अपनी ताकत बनाया। खेती से अलग कुछ नया करने की सोच ने उन्हें ट्रैक्टर ट्राली फूड कार्ट (Tractor trailer food cart) की ओर प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि विदेश में फास्ट फूड (Fast food business) की गुणवत्ता और स्वच्छता ने उन्हें प्रेरित किया।
ट्रैक्टर ट्राली से फूड कार्ट: एक नया बिजनेस मॉडल
गुरप्रीत ने 7 लाख रुपये की लागत से एक ट्रैक्टर और ट्राली को एक आधुनिक फूड कार्ट में परिवर्तित किया। इस अनोखे स्टार्टअप (Unique startup India) में बर्गर, पिज्जा, सैंडविच, पास्ता और फ्रेंच फ्राइज जैसे स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं। ट्राली में सभी आवश्यक सुविधाएं जैसे फ्रिज, बिजली और पानी मौजूद हैं, जो इसे एक चलते-फिरते रेस्तरां जैसा बनाती हैं।
हर शाम 6 बजे, गुरप्रीत और उनके बेटे कुरुक्षेत्र के सेक्टर 17 फूड मार्केट में पहुंचते हैं और रात 11 बजे तक ग्राहकों को स्वादिष्ट भोजन परोसते हैं। यह ट्रैक्टर ट्राली फूड कार्ट (Tractor trailer food cart) न केवल लोगों का ध्यान आकर्षित करती है, बल्कि स्वच्छ और स्वादिष्ट खाने के लिए भी जानी जा रही है।
परिवार के साथ सपनों को साकार करना
गुरप्रीत के तीन बेटे भी इस व्यवसाय में उनका सहयोग करते हैं। उनका एक बेटा फार्मेसी में काम करता है, लेकिन शाम को फूड कार्ट में मदद करता है। अन्य दो बेटे पूरी तरह से इस स्टार्टअप में लगे हुए हैं।
गुरप्रीत का मानना है कि विदेश में मेहनत करने से बेहतर है कि युवा अपने देश में रहकर कुछ नया करें। उन्होंने अपने बेटों को भी यही सलाह दी। यह परिवार न केवल स्वादिष्ट खाना परोस रहा है, बल्कि नशा मुक्त और मेहनती समाज (Drug-free Haryana) का संदेश भी दे रहा है। गुरप्रीत की कहानी हरियाणा के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।