गोवर्धन पूजा: जानें इस दिन के अनुष्ठान और वर्जनाएं
गोवर्धन पूजा, जिसे अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण की आराधना के लिए मनाया जाता है। इस दिन विशेष अनुष्ठान और वर्जनाएं होती हैं, जैसे कि गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाना और गाय की पूजा करना। जानें इस दिन क्या करना चाहिए और किन बातों से बचना चाहिए।
Oct 22, 2025, 05:08 IST
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गोवर्धन पूजा का महत्व
गोवर्धन पूजा का हिंदू धर्म में विशेष स्थान है। इसे अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है और यह दीपावली के अगले दिन मनाई जाती है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण की आराधना के लिए समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से जीवन में सकारात्मकता आती है। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण द्वारा ब्रजवासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाने और गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाने की अद्भुत लीला का प्रतीक है।
गोवर्धन पूजा के दिन क्या करें?
- घर के आंगन या मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत का आकार बनाएं।
- इसके बीच में भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित करें।
- इस दिन 56 भोग या अन्नकूट तैयार करें और भगवान श्रीकृष्ण तथा गोवर्धन महाराज को अर्पित करें।
- इसमें कढ़ी-चावल, बाजरा, और माखन-मिश्री शामिल करें।
- गाय की पूजा का विशेष महत्व है। उन्हें स्नान कराकर, तिलक लगाएं और फूल-माला पहनाएं।
- साथ ही हरा चारा खिलाएं।
- सात्विक भोजन का सेवन करें।
- गोवर्धन पर्वत की आकृति की सात बार परिक्रमा करें।
- परिक्रमा करते समय वैदिक मंत्रों का जाप करें।
- यदि संभव हो तो गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करें।
- भगवान कृष्ण के मंदिर में दर्शन के लिए अवश्य जाएं।
- शुभ कार्यों के लिए लाल, पीला, नारंगी जैसे रंग के कपड़े पहनें।
गोवर्धन पूजा के दिन क्या नहीं करें?
- गोवर्धन पूजा के दिन और इससे पहले आने वाली अमावस्या को तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए।
- पूजा के समय काले या नीले रंग के वस्त्र पहनने से बचें।
- घर का मुख्य द्वार या खिड़की लंबे समय तक बंद नहीं रखनी चाहिए।
- इस दिन मांस, मदिरा या अन्य तामसिक भोजन नहीं बनाना चाहिए।
- किसी भी पेड़-पौधे को नहीं काटना चाहिए, क्योंकि यह पर्व प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का है।