छठ पूजा के भजन: श्रद्धा और भक्ति का संगम

छठ पूजा का महत्व
छठ पूजा का आयोजन शास्त्रों के अनुसार उदयमान और अस्ताचलगामी सूर्य की पूजा के लिए किया जाता है, जिससे विद्या और सुख की प्राप्ति होती है। यह पर्व नहाए-खाएं से शुरू होकर चार दिनों तक चलता है, जिसमें महिलाएं निर्जला उपवास रखकर छठी मईया की आराधना करती हैं।
इस पूजा के दौरान महिलाएं भोजपुरी में कई भजन गाती हैं, जो छठी मईया के प्रति उनकी भक्ति को दर्शाते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे भजनों के बारे में बताएंगे, जो न केवल भक्ति का प्रतीक हैं, बल्कि प्यार और विश्वास का भी संदेश देते हैं।
छठ पूजा के भजन
1. पहली-पहली छठी मईया
इस गाने को शारदा सिन्हा ने गाया है, जिसमें आदित्य देव का संगीत और शरद सिन्हा का कंपोजिशन है। यह गाना दर्शाता है कि कैसे महिलाएं आधुनिक जीवन में भी छठ को मनाती हैं। गाने में व्रत रख रही महिला छठी मईया से कहती है कि यह उसका पहला व्रत है और वह किसी गलती के लिए माफी मांगती है।
2. कभौ ना छूटी छठ
अल्का याग्निक की आवाज में यह गाना छठ पूजा के विधि-विधान को खूबसूरती से प्रस्तुत करता है। इसमें एक गर्भवती महिला और उसके छठ व्रत की कहानी को भी दर्शाया गया है।
3. मरबो रे सुगवा धनुक से
अनुराधा पौडवाल की आवाज में यह गाना छठ पूजा की महत्ता को बताता है, जिसमें महिलाएं और पुरुष एकत्र होकर मां छठी की उपासना करते हैं।
4. छठी माई के घाटवा पे आजन बाजन
पवन सिंह का यह गाना भले ही पुराना हो, लेकिन आज भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है।
5. उगा है सूरज देव
अनुराधा पौडवाल की आवाज में यह गाना भी बहुत पसंद किया जाता है। इसमें महिलाएं घाट पर बैठकर सूर्य को अर्घ्य देने के लिए उसके उगने का इंतजार करती हैं।