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छत्तीसगढ़ में मानसून का कहर: भारी बारिश और बाढ़ का अलर्ट

छत्तीसगढ़ में मानसून ने गंभीर स्थिति उत्पन्न कर दी है, जहां 19 जिलों में भारी बारिश और बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है। बिलासपुर के बेलगहना तहसील में बाढ़ ने तबाही मचाई है, जिससे कई परिवार बेघर हो गए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग पर बायपास सड़क भी बारिश के कारण टूट गई है। इसके अलावा, महासमुंद जिले में एक व्यक्ति लापता है और एक छात्र की नाले में बहने से मौत हो गई है। जानें पूरी जानकारी इस लेख में।
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छत्तीसगढ़ में मानसून का कहर: भारी बारिश और बाढ़ का अलर्ट

छत्तीसगढ़ में मानसून की स्थिति

छत्तीसगढ़ मौसम समाचार: राज्य में मानसून ने गंभीर रूप ले लिया है। मौसम विभाग ने कोरिया, कोरबा, जशपुर, सरगुजा, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, सूरजपुर, बलरामपुर समेत 19 जिलों में भारी बारिश और बाढ़ की चेतावनी जारी की है। इन क्षेत्रों में बिजली गिरने और तेज़ हवाओं का भी खतरा है। कुछ स्थानों पर हवा की गति 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंचने की संभावना है।


बिलासपुर के बेलगहना तहसील के करार टिकरा गांव में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। जेवास नदी का जलस्तर बढ़ गया है और गांव में पानी भर गया है। अब तक तीन मकान गिर चुके हैं, जिससे कई परिवार बेघर हो गए हैं। ग्रामीणों को रातभर जागकर बिताना पड़ा, क्योंकि बाढ़ के कारण हालात कभी भी बिगड़ सकते थे। पास के गांवों मझगांव, सरार टिकरा और केंदा डाढ़ में भी बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।


राष्ट्रीय राजमार्ग पर बायपास में टूटफूट

बायपास सड़क में दरारें


बिलासपुर-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बायपास सड़क भारी बारिश के कारण दो हिस्सों में टूट गई है। यह बायपास निर्माणाधीन पुल के निकट स्थित थी। प्रशासन ने ट्रैफिक को पेंड्रा और खोदरी के वैकल्पिक मार्गों पर डायवर्ट कर दिया है, ताकि बिलासपुर, शहडोल, अनुपपुर और जबलपुर जाने वाले वाहन सुरक्षित निकल सकें।


सरायपाली में लापता व्यक्ति

एक व्यक्ति की तलाश जारी


महासमुंद जिले के सरायपाली क्षेत्र के रकसा गांव में स्टॉप डैम के पास ज़मीन धंसने से एक व्यक्ति शोभाराम लापता हो गया है। एनडीआरएफ की टीम पिछले 48 घंटों से उसकी खोज में जुटी है, लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं मिला है।


रतनपुर थाना क्षेत्र में नाले के तेज बहाव में बह जाने से 15 वर्षीय छात्र की मौत हो गई। वहीं, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही क्षेत्र में भारी बारिश के कारण कई एनीकट बह गए हैं, जिससे जलसंचयन और सिंचाई को गंभीर नुकसान हुआ है।