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छोटी दिवाली: जानें कब मनाई जाएगी और पूजा विधि

छोटी दिवाली, जिसे नरक चौदस के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह त्यौहार दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव का हिस्सा है, जो धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज पर समाप्त होता है। इस वर्ष, छोटी दिवाली 19 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन यमराज के नाम पर दीप जलाने और हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है। जानें इस दिन के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में विस्तार से।
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छोटी दिवाली: जानें कब मनाई जाएगी और पूजा विधि

छोटी दिवाली का महत्व

छोटी दिवाली, जिसे नरक चौदस के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह त्यौहार दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव का हिस्सा है, जो धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज पर समाप्त होता है। यह पर्व कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है। छोटी दिवाली, दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाती है, और इसे नरक चौदस, रूप चौदस या काली चौदस भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था।


दीप जलाने की परंपरा

छोटी दिवाली का पर्व कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस वर्ष, यह त्यौहार रविवार, 19 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन लोग यमराज के नाम पर दीप जलाते हैं ताकि वे अकाल मृत्यु से मुक्ति पा सकें। इस दिन हनुमान जी की पूजा का भी विशेष महत्व है।


छोटी दिवाली का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, नरक चतुर्दशी तिथि 19 अक्टूबर 2025, रविवार को दोपहर 1:51 बजे से शुरू होकर 20 अक्टूबर 2025, सोमवार को दोपहर 3:44 बजे समाप्त होगी। इस दिन अभ्यंग स्नान का शुभ समय सुबह 4:56 बजे से 6:08 बजे तक रहेगा। वहीं, रात 11:41 बजे से 12:31 बजे तक दीपदान के लिए शुभ मुहूर्त है। दीपदान करने से व्यक्ति नरक के कष्टों से मुक्त होता है।


छोटी दिवाली पूजा विधि

छोटी दिवाली के दिन सूर्योदय के समय तिल के तेल से स्नान करना चाहिए, जिससे भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन हनुमान जी और यम देवता की पूजा की जाती है। स्नान के बाद, चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें। फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें और भगवान को हलवे का भोग अर्पित करें। इसके बाद भगवान कृष्ण की पूजा करें और आरती करें। रात में, घर के बाहर दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके यम देवता के नाम से एक दीपक जलाएं।