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जगन्नाथ रथ यात्रा 2025: हनुमान जी की पुरी की रक्षा की कहानी

जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 के अवसर पर, जानें कैसे महाप्रभु जगन्नाथ ने हनुमान जी को पुरी की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे समुद्र ने भगवान जगन्नाथ के दर्शन की इच्छा की और हनुमान जी ने भक्तों की रक्षा के लिए क्या कदम उठाए। इसके साथ ही, बेड़ी हनुमान मंदिर के इतिहास के बारे में भी जानकारी मिलेगी।
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जगन्नाथ रथ यात्रा 2025: हनुमान जी की पुरी की रक्षा की कहानी

जगन्नाथ रथ यात्रा 2025

जगन्नाथ रथ यात्रा 2025: ओडिशा के पुरी धाम में भगवान जगन्नाथ, उनकी बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलराम विराजमान हैं। इस मंदिर से जुड़ी कई रहस्यमयी कथाएं प्रचलित हैं, जिनमें से एक यह है कि महाप्रभु जगन्नाथ ने हनुमान जी को पुरी की सुरक्षा का कार्य सौंपा था। मान्यता है कि आज भी हनुमान जी 'चक्र-तीर्थ' पर खड़े होकर पुरी की रक्षा कर रहे हैं। आज हम आपको इसी पौराणिक कथा के बारे में बताएंगे, जिसमें बताया गया है कि महाप्रभु जगन्नाथ ने हनुमान जी को यह जिम्मेदारी क्यों सौंपी थी।


पुरी की रक्षा में हनुमान जी

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार सभी देवताओं ने भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने का निश्चय किया और पुरी पहुंचे। सभी देवताओं को मंदिर में जाते देख समुद्र, यानी बंगाल की खाड़ी, भी भगवान जगन्नाथ के दर्शन की इच्छा करने लगा और उसने मंदिर में प्रवेश करने का प्रयास किया। इससे भक्तों को कठिनाई का सामना करना पड़ा।


अपने भक्तों को कष्ट में देखकर भगवान जगन्नाथ ने हनुमान जी को समुद्र पर नियंत्रण करने का आदेश दिया और उन्हें पुरी की रक्षा की जिम्मेदारी सौंपी।


बेड़ी हनुमान मंदिर का इतिहास

एक बार हनुमान जी ने भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने का मन बनाया और मंदिर की ओर बढ़े। हनुमान जी के पीछे समुद्र भी मंदिर में जाने लगा, जिससे भक्तों को परेशानी होने लगी। इस पर भगवान जगन्नाथ ने हनुमान जी को सोने की बेड़ी से बांध दिया।


जगन्नाथ पुरी में समुद्र तट पर बेड़ी नामक प्राचीन हनुमान मंदिर है, जहां हनुमान जी की एक मूर्ति है, जो बेड़ियों से बंधी हुई है। मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ की आज्ञा का पालन करते हुए हनुमान जी आज भी दिन-रात पुरी के समुद्र की रक्षा करते हैं।