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जन्माष्टमी 2025: चांद निकलने का समय और पूजा का शुभ मुहूर्त

जन्माष्टमी 2025 का पर्व 15 और 16 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन भक्त भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव मनाते हैं और चांद की पूजा का विशेष महत्व होता है। जानें चांद निकलने का समय और पूजा का शुभ मुहूर्त, ताकि आप इस पावन अवसर पर सही समय पर पूजा कर सकें।
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जन्माष्टमी 2025: चांद निकलने का समय और पूजा का शुभ मुहूर्त

जन्माष्टमी 2025: चांद निकलने का समय

जन्माष्टमी 2025 का पर्व 15 और 16 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन भक्त भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव मनाते हैं और चांद की पूजा का विशेष महत्व होता है। जन्माष्टमी के दिन चांद सामान्यतः देर से निकलता है, और इसे देखकर पूजा करने की परंपरा है। यदि आप इस अवसर पर चांद निकलने का समय और पूजा का शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं, तो यहां जानकारी प्रस्तुत की गई है।


जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त

जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल की पूजा का शुभ समय 16 अगस्त 2025 को रात 12:04 बजे से 12:47 बजे तक है। इस दौरान केवल 43 मिनट का समय भक्तों के पास होगा, जिसमें वे भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा और आरती करेंगे। इस मुहूर्त में पूजा करने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है।


दिल्ली-एनसीआर में चांद का समय

दिल्ली और एनसीआर में जन्माष्टमी के दिन चांद 16 अगस्त को रात 11:33 बजे दिखाई देगा। गुरुग्राम में भी चांद का समय रात 11:33 बजे है, जबकि नोएडा में यह रात 11:01 बजे नजर आएगा। हरियाणा में चांद रात 11:39 बजे दिखेगा।


मथुरा-वृंदावन और अन्य शहरों में चांद का समय

कृष्ण की नगरी मथुरा-वृंदावन में चांद 16 अगस्त को रात 11:33 बजे दिखाई देगा। अन्य शहरों में चांद निकलने का समय इस प्रकार है: लखनऊ और कानपुर में रात 11:22 बजे, मुंबई और अहमदाबाद में 12:00 बजे, जयपुर में 11:42 बजे, पटना में 11:08 बजे, कोलकाता में 12:01 बजे, भोपाल में 11:44 बजे, रायपुर और वृंदावन में 11:32 बजे, रांची में 11:14 बजे, चंडीगढ़ में 11:32 बजे, बेंगलुरु में 11:14 बजे, हैदराबाद में 11:54 बजे, और चेन्नई में 11:56 बजे।


चांद की पूजा का महत्व

जन्माष्टमी की रात चांद का विशेष महत्व है, क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म आधी रात को हुआ था। चांद को देखकर पूजा करने से मन और वातावरण में शांति आती है। मान्यता है कि चांद के दर्शन के बिना जन्माष्टमी का व्रत और पूजा अधूरी मानी जाती है। यह दर्शन व्रत का फल बढ़ाते हैं और भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।