जन्माष्टमी 2025: भगवान कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व

जन्माष्टमी का पर्व
नई दिल्ली: आज देशभर में जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह त्योहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार भगवान विष्णु के आठवें अवतार, भगवान कृष्ण के जन्म का प्रतीक है। यह पर्व भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।
निशिता काल में भगवान कृष्ण की पूजा
जन्माष्टमी के दिन भक्त मध्यरात्रि के समय निशिता पूजा करते हैं। इस दौरान भगवान कृष्ण के जन्म के बाद उनकी मूर्तियों को माखन, दूध और दही अर्पित किया जाता है। भगवान कृष्ण का जन्म मध्यरात्रि में हुआ था, इसलिए उनकी पूजा निशिता काल में की जाती है।
जन्माष्टमी मुहूर्त
निशिता पूजा का समय 16 अगस्त को सुबह 12:04 बजे से 12:47 बजे के बीच होगा, जो कि 43 मिनट का होगा। इसके अलावा, ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:24 बजे से 5:07 बजे तक, विजय मुहूर्त दोपहर 2:37 बजे से 3:30 बजे तक और गोधूलि बेला शाम 7:00 बजे से 7:22 बजे तक होगी।
जन्माष्टमी की शुभकामनाएं
जन्माष्टमी पर अपने दोस्तों और परिवार के लिए शुभकामनाएं, उद्धरण और संदेश:
- भगवान कृष्ण आपके जीवन में मार्गदर्शन करें, जैसे उन्होंने महाभारत के युद्ध में अर्जुन को किया। जन्माष्टमी की शुभकामनाएं!
- भगवान कृष्ण की शिक्षाओं से आपको शक्ति मिले और आप जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकें।
- इस शुभ जन्माष्टमी पर, आपका जीवन प्रेम, खुशी और आंतरिक शांति से भरा रहे।
- भगवान कृष्ण आपके और आपके परिवार के साथ हमेशा रहें! जन्माष्टमी की शुभकामनाएं।
- भगवान कृष्ण की भक्ति को अपनाएं और दिव्य आनंद का अनुभव करें।
- आपका जीवन ज्ञान, प्रेम और चुनौतियों का सामना करने की क्षमता से सजा रहे, जैसे भगवान कृष्ण ने दिखाया।
- भगवान कृष्ण की बांसुरी आपके जीवन में प्रेम की धुन लाए। जन्माष्टमी की शुभकामनाएं।
- भगवान कृष्ण की कृपा आपके जीवन को रोशन करे।
- जन्माष्टमी के इस पावन दिन पर, आपके दिल में भगवान कृष्ण का दिव्य प्रेम भरा रहे।
- भगवान कृष्ण का अनंत प्रेम और कृपा आपके जीवन को समृद्ध करे। जन्माष्टमी की शुभकामनाएं।
- आपका जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के प्रति भक्ति और प्रेम से भरी हो।
- भारत में जन्माष्टमी का त्योहार उत्साह के साथ मनाया जाता है।
- भगवान कृष्ण की शिक्षाएं हमेशा प्रेरणा का स्रोत बनी रहें।