जन्माष्टमी पर मोरपंख के लाभ: सकारात्मक ऊर्जा और नकारात्मकता से सुरक्षा

मोरपंख का महत्व और शुभता
मोरपंख को घर में रखना शुभ माना जाता है
मोरपंख भगवान श्री कृष्ण के मुकुट की शोभा बढ़ाता है। इसके बिना उनका श्रृंगार अधूरा होता है। मोरपंख भगवान श्री कृष्ण को प्रिय है, और इसे घर में रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह नकारात्मक शक्तियों को दूर रखता है।
इसलिए, मोरपंख को घर में रखना सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। प्राचीन समय से इसे सकारात्मकता लाने और समृद्धि बनाए रखने का प्रतीक माना गया है। इस जन्माष्टमी पर आप मोरपंख के कुछ उपाय कर सकते हैं, जिससे आपका जीवन खुशहाल हो सके।
वास्तु शास्त्र में मोरपंख का महत्व
वास्तु शास्त्र में मोरपंख का विशेष महत्व है। जन्माष्टमी के दिन इससे जुड़े उपाय करने से जीवन की परेशानियां दूर होती हैं और धन-धान्य की वृद्धि होती है।
नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा
जन्माष्टमी के अवसर पर मोरपंख को घर के मुख्य द्वार पर लगाना शुभ माना जाता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को रोकता है और सकारात्मक वातावरण बनाए रखता है।
धन की प्राप्ति के लिए उपाय
वास्तु के अनुसार, मोरपंख रखने से धन आकर्षित होता है। इसे तिजोरी में रखने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और बेफिजूल खर्चों में कमी आती है।
नजरदोष से मुक्ति
नजरदोष को खत्म करने के लिए मोरपंख का उपयोग किया जाता है। जन्माष्टमी की रात, बच्चों की नजर उतारकर मोरपंख को घर के मंदिर में रखें।
दांपत्य जीवन में सुधार
दांपत्य जीवन में प्रेम और मधुरता बढ़ाने के लिए शयनकक्ष में दक्षिण-पश्चिम दिशा में मोरपंख रखें।
वास्तुदोष का समाधान
यदि घर में वास्तु दोष है, तो जन्माष्टमी के दिन मोरपंख रखने से सकारात्मक ऊर्जा आती है।
सिरहाने पर मोरपंख
जो लोग अनिद्रा या भय से परेशान हैं, उन्हें सिरहाने पर मोरपंख रखकर सोना चाहिए।
व्यापार में लाभ
यदि व्यापार में नुकसान हो रहा है, तो मोरपंख और भगवान कृष्ण की मूर्ति को रखें। इससे लाभ के अवसर बढ़ सकते हैं।