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जीरकपुर में बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ाई, धान की बोरियाँ हुईं खराब

जीरकपुर में हालिया बारिश ने किसानों की धान की बोरियों को गंभीर नुकसान पहुँचाया है, जिससे उनकी चिंता और बढ़ गई है। प्रशासन द्वारा उचित इंतजाम न होने के कारण बोरियाँ भीग गईं, जिससे धान की गुणवत्ता पर असर पड़ने और मंडी में कीमतों में गिरावट का खतरा उत्पन्न हो गया है। किसान अब अपनी बोरियों को बचाने के लिए खुद तिरपाल खरीदने को मजबूर हैं। जानें इस स्थिति के बारे में और क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
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जीरकपुर में बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ाई, धान की बोरियाँ हुईं खराब

बारिश से मंडी में धान की बोरियों को हुआ नुकसान


जीरकपुर, चंडीगढ़ समाचार: सोमवार को पीआर-7 रोड पर नगला गांव के निकट अस्थायी मंडी में हुई बारिश ने किसानों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। खुले में रखी धान की बोरियाँ पूरी तरह से भीग गईं, क्योंकि प्रशासन ने शेड की व्यवस्था नहीं की थी और केवल छोटी तिरपालों से बोरियों को ढकने का प्रयास किया गया था।


धान की गुणवत्ता पर असर और कीमतों में गिरावट का खतरा

किसानों का कहना है कि उन्होंने पहले ही अधिकारियों को चेतावनी दी थी कि यदि समय पर उचित इंतजाम नहीं किए गए तो भारी नुकसान होगा। इसके बावजूद, मंडी में केवल छोटी तिरपालें लगाई गईं, जो बोरियों को ढकने में असफल रहीं। बारिश के दौरान कई स्थानों पर पानी तिरपालों के नीचे जमा हो गया और कुछ जगहों पर पानी सीधे बोरियों पर गिरता रहा।


किसानों ने बताया कि बारिश के कारण धान के दानों की गुणवत्ता प्रभावित होगी और मंडी में कीमतों में गिरावट का खतरा है। पहले से ही महंगाई और बढ़ते खर्चों से परेशान किसान अब और आर्थिक नुकसान झेलने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मंडी में धान की बोरियों को बचाने के लिए वे अपने खर्च पर तिरपाल खरीद रहे हैं।


किसानों की निराशा और प्रशासन की उपेक्षा

एक किसान ने कहा, “हर साल यही स्थिति होती है। शेड लगाने का वादा किया जाता है, लेकिन काम नहीं होता। अगर अब भी नुकसान हुआ तो उसका बोझ हमें ही उठाना पड़ेगा।” किसानों का यह गुस्सा और चिंता प्रशासन की उपेक्षापूर्ण रवैये की ओर इशारा कर रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जल्द ही स्थायी शेड और उचित इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं लगाया गया, तो आने वाले मौसम में नुकसान और बढ़ सकता है।


मुख्य बिंदु


  • पीआर-7 रोड, नगला गांव के पास अस्थायी मंडी में खुले आसमान के नीचे रखा धान भीगा

  • प्रशासन की ओर से शेड न होने और छोटी तिरपालें असफल साबित

  • किसानों ने पहले ही नुकसान की चेतावनी दी थी

  • बारिश से धान की गुणवत्ता प्रभावित, मंडी में कीमतों में गिरावट का खतरा

  • किसान अपनी बोरियों को बचाने के लिए खुद तिरपाल खरीद रहे