जोधपुर में मुस्लिम पुजारी की अनोखी परंपरा: 13 पीढ़ियों से मां दुर्गा की सेवा

जोधपुर में नवरात्र का उत्सव
जोधपुर समाचार: जोधपुर और पूरे देश में चैत्र नवरात्रा का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस दौरान मां दुर्गा के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। एक विशेष मंदिर की बात करें तो यहां का पुजारी मुस्लिम है, जो धार्मिक एकता का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करता है। इस मंदिर में मां दुर्गा की भक्ति और सांप्रदायिक सौहार्द का अनोखा संगम देखने को मिलता है।
मुस्लिम परिवार की 13 पीढ़ियों की सेवा
जोधपुर जिले के भोपालगढ़ क्षेत्र के बागोरिया गांव में स्थित इस प्राचीन मां दुर्गा के मंदिर में एक मुस्लिम परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी पुजारी की भूमिका निभा रहा है। वर्तमान में पुजारी भोपा जलालुद्दीन खां हैं। श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने के लिए 500 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। यहां प्रतिदिन हजारों भक्त मां दुर्गा के दर्शन के लिए आते हैं। इस परिवार के सदस्य रोजा रखते हैं और देवी मां की पूजा करते हैं, लेकिन जब कोई सदस्य पुजारी बनता है, तो वह नमाज नहीं पढ़ता।
मां दुर्गा का चमत्कार
स्थानीय लोगों के अनुसार, इस मंदिर के मुस्लिम पुजारी नवरात्र के दौरान हवन और अनुष्ठान भी करते हैं। बताया जाता है कि कई सदियों पहले सिंध प्रांत में अकाल के कारण कुछ मुस्लिम परिवार यहां आए थे। उनके पूर्वजों को देवी मां ने सपने में दर्शन दिए और ऊंटों को ठीक करने का उपाय बताया। इस चमत्कार के बाद उनके परिवार ने यहीं बसने का निर्णय लिया और मां दुर्गा की पूजा करने लगे।
परंपरा का निर्वहन
इस चमत्कार के बाद से इस मुस्लिम परिवार की पूजा की परंपरा जारी है। आज भी जलालुद्दीन खान इस मंदिर के पुजारी हैं और मां दुर्गा की सेवा कर रहे हैं। यह परंपरा आज भी जीवित है और यह मंदिर सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक बना हुआ है।