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डूंगरपुर सांसद ने नशे के बढ़ते चलन पर जताई चिंता, विमल की बिक्री के आंकड़े किए साझा

डूंगरपुर के सांसद राजकुमार रोत ने जिले के ग्रामीण इलाकों में नशे के बढ़ते चलन पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने गुटके की बिक्री के आंकड़े साझा करते हुए बताया कि शिक्षा की कमी और नशे का प्रचलन एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। सांसद ने विमल की बिक्री का आंकड़ा पेश किया, जिसमें प्रतिदिन लाखों रुपये की बिक्री हो रही है। उन्होंने युवाओं से अपील की है कि वे नशे की बजाय शिक्षा और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ें। जानें इस मुद्दे पर सांसद की पूरी बात।
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डूंगरपुर सांसद ने नशे के बढ़ते चलन पर जताई चिंता, विमल की बिक्री के आंकड़े किए साझा

नशे के बढ़ते चलन पर सांसद की चिंता

राजस्थान के बांसवाड़ा-डूंगरपुर से सांसद राजकुमार रोत ने डूंगरपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में नशे के बढ़ते प्रचलन को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने गांवों में शिक्षा की कमी और गुटके के प्रसार के बीच एक सीधा संबंध बताया। सांसद ने कहा कि जहां शिक्षा का अभाव है, वहां नशे का प्रचलन बढ़ रहा है। उन्होंने गांवों में कुछ दुकानों का दौरा किया और वहां गुटके की बिक्री के आंकड़े साझा किए।


प्रतिदिन बिकने वाले विमल के पैकेट

सांसद के अनुसार, एक दुकान पर औसतन 8 पैकेट विमल बिकते हैं, जिसमें प्रत्येक पैकेट में 30 पाउच होते हैं। इस तरह, प्रतिदिन 240 पाउच बिकते हैं और एक पाउच की कीमत 5 रुपये है, जिससे केवल विमल की बिक्री से प्रतिदिन 1200 रुपये की आय होती है। डूंगरपुर जिले में 353 ग्राम पंचायतें हैं, और हर पंचायत में औसतन 25 दुकानें हैं, जिससे जिले में कुल 8825 दुकानें हैं। सांसद के अनुसार, इन दुकानों पर विमल की कुल बिक्री लगभग 1.05 करोड़ रुपये प्रतिदिन होती है।


सालाना खपत का अनुमान

यदि इस गति से गणना की जाए, तो डूंगरपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में केवल विमल पर हर महीने लगभग 30 करोड़ रुपये और सालभर में 360 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। ये आंकड़े केवल विमल के लिए हैं, जबकि बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, शराब और अन्य नशीले उत्पादों की खपत इससे कहीं अधिक हो सकती है।


सांसद की अपील

सांसद राजकुमार रोत ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में इस अनुभव और गणना को साझा करते हुए लिखा कि उन्होंने यह आंकड़ा क्यों निकाला और यह पोस्ट क्यों की। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इसे गंभीरता से लें और अपने परिवार और समाज को इस खतरनाक आदत से बचाने का प्रयास करें। उन्होंने युवाओं से शिक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाने की अपील की, न कि नशे की ओर बढ़कर अपनी जिंदगी को बर्बाद करने की।