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तुलसी विवाह 2025: जानें इस पवित्र अवसर की पूजा विधि और महत्व

तुलसी विवाह एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो 2025 में 2 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन माता तुलसी का विवाह भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम से किया जाता है। इस लेख में तुलसी विवाह की पूजा विधि, आवश्यक सामग्री, मंत्र और शुभ मुहूर्त के बारे में जानकारी दी गई है। जानें कैसे इस पवित्र अवसर को मनाना है और इसके पीछे का महत्व क्या है।
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तुलसी विवाह 2025: जानें इस पवित्र अवसर की पूजा विधि और महत्व

तुलसी विवाह का महत्व


हिंदू धर्म में तुलसी विवाह को एक अत्यंत पवित्र और शुभ अवसर माना जाता है। इस दिन, माता तुलसी का विवाह भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम से किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह विवाह देवउठनी एकादशी से लेकर कार्तिक पूर्णिमा के बीच किसी भी दिन संपन्न किया जा सकता है। हालांकि, 2025 में यह विशेष अवसर 2 नवंबर (रविवार) को मनाया जाएगा।


तुलसी विवाह की रस्में

तुलसी विवाह से जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य का आगमन होता है। इस दिन सभी रस्में जैसे हल्दी, मेहंदी, जयमाला और फेरे बड़े उत्साह और भक्ति के साथ निभाई जाती हैं।


पूजन विधि


तुलसी के पौधे को आंगन या छत पर एक चौकी पर स्थापित करें। गमले में एक गन्ना गाड़कर उस पर लाल चुनरी लगाकर मंडप तैयार करें। फिर गमले में शालिग्राम भगवान या भगवान विष्णु की प्रतिमा रखें।


तुलसी और शालिग्राम पर हल्दी और चंदन का लेप करें। इसके बाद फल, फूल, दीप, धूप और नैवेद्य अर्पित करें। विवाह की रस्मों में तुलसी और शालिग्राम के सात फेरे कराए जाते हैं, जो घर के किसी पुरुष द्वारा किए जाते हैं।


फेरे के दौरान सिंदूर से रंगे हुए अक्षत तुलसी माता और शालिग्राम पर अर्पित किए जाते हैं। पूजा के बाद कपूर जलाकर आरती की जाती है और अंत में भोग लगाकर प्रसाद सभी में बांटा जाता है।


तुलसी विवाह की सामग्री

तुलसी का पौधा, भगवान विष्णु या शालिग्राम जी की प्रतिमा/फोटो, नारियल, कपूर, धूप, चंदन, हल्दी की गांठ, लाल चुनरी और लाल वस्त्र, पूजा की चौकी और कलश, केले के पत्ते, फल, मिठाई, सब्जियां (आंवला, बेर, मूली, सिंघाड़ा आदि), सुगंधित फूल और सुपारी।


तुलसी विवाह के मंत्र

देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः।


नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये॥


तुलसी पूजन मंत्र


तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।


धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमनः प्रिया॥


लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।


तुलसी भूर्महालक्ष्मीः पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया॥


तुलसी जी की आरती

जय जय तुलसी माता, सब जग की सुखदाता।


वरदाता जय जय तुलसी माता..


हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित।


पतित जनो की तारिणी विख्याता..


जय जय तुलसी माता..


तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त 2025

तारीख: 2 नवंबर 2025 (रविवार)


द्वादशी तिथि प्रारंभ: सुबह 07:31 बजे, 2 नवंबर


द्वादशी तिथि समाप्त: सुबह 05:07 बजे, 3 नवंबर