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तुलसी विवाह: किस्मत के दरवाजे खोलने के उपाय

तुलसी विवाह का दिन विशेष धार्मिक महत्व रखता है, जब भगवान विष्णु का विवाह माता तुलसी से होता है। इस दिन किए गए कुछ खास उपायों से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं। जानें कैसे हल्दी, जल और अन्य सामग्री का उपयोग करके अपने जीवन में सुख और समृद्धि लाएं। इस लेख में तुलसी विवाह के दिन किए जाने वाले उपायों और उनके धार्मिक महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
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तुलसी विवाह: किस्मत के दरवाजे खोलने के उपाय

खुलेंगे भाग्य के द्वार


Tulsi Vivaah, नई दिल्ली: सनातन धर्म में तुलसी विवाह का विशेष महत्व है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम जी का विवाह माता तुलसी से किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं, जिससे सभी मांगलिक कार्य प्रारंभ होते हैं। इस दिन विधिपूर्वक पूजा और कुछ विशेष उपाय करने से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और किस्मत के बंद दरवाजे खुल जाते हैं। पंचांग के अनुसार, 2025 में तुलसी विवाह 2 नवंबर (रविवार) को मनाया जाएगा।


हल्दी मिलाकर स्नान करें

जिन अविवाहित युवक-युवतियों के विवाह में बार-बार रुकावटें आ रही हैं, उनके लिए यह उपाय अत्यंत लाभकारी है। तुलसी विवाह के दिन स्नान के जल में एक चुटकी हल्दी मिलाकर स्नान करें। इसके बाद विधिपूर्वक पूजा के दौरान, भगवान शालिग्राम और तुलसी माता को हल्दी का लेप या हल्दी मिश्रित दूध अर्पित करें।


पूजा के बाद तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से कुंडली में गुरु ग्रह (बृहस्पति) की स्थिति मजबूत होती है, जिससे शीघ्र विवाह के योग बनने लगते हैं और मनचाहा जीवनसाथी मिलता है।


तुलसी माता को सजाएं

तुलसी माता को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। विवाहित महिलाएं इस उपाय से अपने वैवाहिक जीवन में सुख, शांति और समृद्धि ला सकती हैं। तुलसी विवाह के दिन माता तुलसी को दुल्हन की तरह सजाएं।


उन्हें लाल चुनरी, चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी समेत सोलह श्रृंगार की सभी वस्तुएं श्रद्धापूर्वक अर्पित करें। पूजा के बाद पति-पत्नी मिलकर शालिग्राम जी और तुलसी माता का गठबंधन करें। इस उपाय से दांपत्य जीवन में प्रेम, स्थिरता और मधुरता आती है। विवाह में आ रही रुकावटें भी दूर होती हैं।


तुलसी के पौधे में जल अर्पित करें

अगर आप लंबे समय से आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं, तो तुलसी विवाह के दिन यह उपाय चमत्कारी सिद्ध हो सकता है। स्नान के बाद, एक साफ बर्तन में जल और थोड़ी सी हल्दी मिलाकर तुलसी के पौधे में अर्पित करें।


इसके बाद, तुलसी के कुछ पत्तों को तोड़कर लाल कपड़े में बांध लें। इस पोटली को अपनी तिजोरी या धन के स्थान पर रख दें। मान्यता है कि ऐसा करने से देवी लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होती हैं, जिससे धन-संबंधी सभी परेशानियां दूर होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।


तुलसी विवाह का धार्मिक महत्व

पौराणिक कथाओं के अनुसार, तुलसी माता भगवान विष्णु की प्रिय हैं। कहा जाता है कि देवी तुलसी, वृंदा के रूप में विष्णु भक्त थीं। भगवान विष्णु ने उनके तप से प्रसन्न होकर उन्हें अमरत्व का आशीर्वाद दिया और कहा कि कलियुग में तुलसी के रूप में उनकी पूजा की जाएगी।


तुलसी विवाह का आयोजन इस दिव्य मिलन का प्रतीक है, जिसे हर साल भक्त धूमधाम से मनाते हैं। इस दिन तुलसी और शालिग्राम का विवाह करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और अविवाहित कन्याओं को योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।