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दीपावली का पर्व: धूमधाम से मनाई गई आतिशबाजी के साथ

जींद में दीपावली का पर्व धूमधाम से मनाया गया, जहां लोगों ने देर रात तक आतिशबाजी की। प्रशासन की रोक के बावजूद पटाखों की बिक्री हुई, जिससे स्वास्थ्य पर असर पड़ा। बाजारों में रौनक थी और लोग एक-दूसरे को मिठाइयां बांटकर शुभकामनाएं देते रहे। इस बार दीयों की जगमगाहट और देवी-देवताओं के पोस्टरों की मांग भी बढ़ी। जानें इस पर्व की खास बातें और सुरक्षा इंतजामों के बारे में।
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दीपावली का पर्व: धूमधाम से मनाई गई आतिशबाजी के साथ

दीपावली का उत्सव


  • रोक के बावजूद पटाखों की धूमधाम


जींद न्यूज़: जिले में सोमवार को दीपावली का पर्व श्रद्धा और धूमधाम से मनाया गया। प्रशासन द्वारा आतिशबाजी पर रोक के बावजूद, लोगों ने देर रात तक पटाखे फोड़े। पटाखों की आवाजें दूर-दूर तक सुनाई दीं। इस बार भी लोगों ने कान फोड़ने वाले बमों का इस्तेमाल किया और प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे जलाए। हर साल दीपावली पर प्रशासन और स्कूलों की ओर से प्रदूषण रहित उत्सव मनाने का आह्वान किया जाता है।


अस्थमा पीड़ितों को परेशानी

पटाखों के धुएं से स्वास्थ्य पर असर


इस बार भी दीपावली से पहले प्रदूषण रहित उत्सव मनाने का आह्वान किया गया था, लेकिन रात को आतिशबाजी इतनी अधिक हुई कि स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। बमों के धमाकों से धरती तक हिल गई, जिससे दिल की बीमारी और अस्थमा से पीड़ित लोगों को सांस लेने में कठिनाई हुई। जींद जिले में लोग अपने घरों के बाहर पटाखे जलाते रहे।


बाजारों में रौनक

दिन में बाजारों में खरीदारी का माहौल था और रात को लोग मिठाइयां बांटकर एक-दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं देते रहे। प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। सुबह से ही लोग बाजारों में पहुंचने लगे और दुकानदारों ने ग्राहकों की भीड़ को देखते हुए सेल लगाई।


सुरक्षा के इंतजाम

पुलिस की गश्त


शहर के विभिन्न बाजारों में मेले जैसा माहौल था। जैसे-जैसे दिन बढ़ा, बाजार में भीड़ बढ़ती गई। रात को लोगों ने अपने घरों और दुकानों के बाहर दीप जलाकर उत्सव मनाया। पुलिस ने रातभर गश्त की और किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए।


पोस्टरों की मांग

दीयों की जगमगाहट


इस बार घरों में चायनीज लाइट्स की जगह दीयों की रोशनी दिखाई दी। बाजारों में देवी-देवताओं के पोस्टरों की बिक्री बढ़ी। विक्रेता ने बताया कि इस बार देवी-देवताओं के पोस्टरों की मांग पिछले साल से अधिक रही। मिठाइयों की खरीदारी में भी देशी घी की जलेबी की अधिक मांग रही।