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दीपावली पर छिपकली का महत्व: धन और समृद्धि का प्रतीक

दीपावली का त्योहार केवल रोशनी और खुशियों का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह धन और समृद्धि का भी अवसर है। इस दौरान छिपकली का घर में आना शुभ माना जाता है, जो महालक्ष्मी के आगमन का संकेत है। जानें छिपकली के आगमन के पीछे की धार्मिक मान्यताएँ और इसके शुभ संकेतों के बारे में।
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दीपावली पर छिपकली का महत्व: धन और समृद्धि का प्रतीक

छिपकली: धन और खुशहाली का संकेत


दीपावली का त्योहार केवल रोशनी और खुशियों का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह समृद्धि और सौभाग्य का भी अवसर है। इस पर्व के दौरान लोग अपने घरों की सफाई और सजावट करते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।


इस समय, लोग अपने घरों को साफ-सुथरा रखने का प्रयास करते हैं और कीट-पतंगों को दूर रखने की कोशिश करते हैं। विशेष रूप से, छिपकली के बारे में कई मान्यताएँ प्रचलित हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार, यदि दीपावली के समय घर में छिपकली दिखाई दे, तो यह एक शुभ संकेत माना जाता है।


छिपकली का आगमन: शुभ संकेत


धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से, छिपकली का घर में आना कई मायनों में शुभ माना जाता है। धनतेरस से भाई दूज तक के पांच दिनों में यदि छिपकली दिखाई दे, तो इसे महालक्ष्मी के आगमन का प्रतीक माना जाता है। यह माना जाता है कि छिपकली घर में धन और खुशहाली लाती है।


धार्मिक मान्यता


छिपकली का आगमन केवल धन से संबंधित नहीं है; इसे जीवन में आने वाली बाधाओं के दूर होने का संकेत भी माना जाता है। दिवाली के दिन यदि छिपकली घर में दिखाई दे, तो यह संकेत है कि आने वाला वर्ष सुख और समृद्धि से भरा रहेगा। इसे घर की सुरक्षा का प्रतीक भी माना जाता है।


छिपकली को भगाना: अशुभ


धार्मिक दृष्टि से, छिपकली को भगाना या मारना अशुभ माना जाता है। इसे शुभ अवसरों पर घर में रहने देना चाहिए, क्योंकि इसे लक्ष्मी जी का संदेशक माना जाता है। घर में छिपकली के आगमन से पारिवारिक संबंध मजबूत होते हैं और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।