धनतेरस: पूजा विधि और सामग्री की जानकारी

धनतेरस पर्व का महत्व
धनतेरस एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जिसे भगवान धन्वंतरि की जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस दिन, स्वास्थ्य, समृद्धि और दीर्घायु की कामना के लिए भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। धनतेरस पर बर्तन, सोने-चांदी और अन्य धातुओं की खरीदारी को शुभ माना जाता है। इस दिन यमराज के लिए दीप जलाने की परंपरा भी है। यह पर्व दीपावली के आगमन का संकेत देता है। इस वर्ष, धनतेरस का पर्व 18 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। इस दिन माता लक्ष्मी, कुबेर देवता और भगवान धन्वंतरि की पूजा विधिपूर्वक की जाती है।
धनतेरस पूजा सामग्री
धनतेरस पूजा सामग्री लिस्ट
- चौकी
- स्वस्तिक या अल्पना बनाने के लिए अक्षत या आटा
- चौकी पर बिछाने के लिए लाल वस्त्र
- मिट्टी के बड़े दीपक
- सरसों का तेल
- 13 मिट्टी के दीपक और बाती
- कौड़ी
- माता लक्ष्मी, गणेशजी, भगवान कुबेर, धन्वंतरि और यमराज जी की तस्वीर
- पूजा की थाली
- सुपारी
- कुबेर यंत्र
- कलश
- मौली या कलावा
- अक्षत
- रोली या अबीर
- गुलाल
- सिक्का
- गुड़ या शक्कर
- चंदन
- कुमकुम और हल्दी
- चौकी को शुद्ध करने के लिए गंगाजल
- सीजनल फल
- मिष्ठान्न
- पान, लौंग, सुपारी, इलायची
- क्षमतानुसार दक्षिणा
- लाल और पीले पुष्प
- पुष्प माला
- धुप
- अगरबत्ती
- चढ़ावा के लिए खील-बताशा, धनिया के बीज, नए बर्तन, नई झाड़ू, धान-मूंग
- कपूर
धनतेरस पूजा विधि
धनतेरस पूजा विधि
- सुबह जल्दी स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- पूजा से पहले मुख्य द्वार पर रंगोली बनाएं और घर के अंदर माता लक्ष्मी के पैर के निशान बनाएं।
- माता लक्ष्मी, कुबेर देवता और भगवान धन्वंतरि की 16 प्रकार की पूजा सामग्री से पूजा करें।
- भगवान धन्वंतरि को कुमकुम लगाएं, माला पहनाएं और अक्षत चढ़ाएं।
- भोग अर्पित करें, जिसमें कृष्ण तुलसी, गाय का दूध और मक्खन शामिल करें।
- धनतेरस पर पीतल की वस्तु खरीदकर भगवान को अर्पित करें।
- धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करें।
- अंत में माता लक्ष्मी, कुबेर देवता और धन्वंतरि की आरती करें।
- प्रसाद वितरित करें।
- शाम को आटे से चौमुखा दीया बनाएं और उसमें तेल डालकर घर के बाहर दक्षिण दिशा की ओर रखें।
धनतेरस के मंत्र
इन मंत्रों का जाप करें
- भगवान धन्वंतरि मंत्र
ओम नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:
अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोग निवारणाय
त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप
श्री धन्वंतरि स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नम:
- लक्ष्मी बीज मंत्र:
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः।
कमलगट्टे की माला से 108 बार जप करें.
- लक्ष्मी-नारायण मंत्र
ॐ श्री लक्ष्मी नारायणाभ्यां नमः।
- श्री सूक्त (वैदिक मंत्र)
ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम्।
चन्द्रां हिरण्यमयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह॥
- लक्ष्मी गायत्री मंत्र
ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्नी च धीमहि।
तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्॥
- कुबेर धन मंत्र
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये नमः।
- कुबेर बीज मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्मीकुबेराय नमः॥
- गणेश बीज मंत्र
ॐ गं गणपतये नमः॥
- गणेश गायत्री मंत्र
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि। तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्॥
- सिद्धिविनायक मंत्र
ॐ नमो सिद्धिविनायकाय सर्वकार्येषु सर्वदा॥