नंगल में भव्य श्री कृष्ण कथा का आयोजन, रुक्मणी विवाह प्रसंग से हुआ समापन
नंगल टाउनशिप में भव्य आयोजन
नंगल टाउनशिप: दिव्य ज्योति जागृति संस्थान और नंगल के निवासियों द्वारा आयोजित श्री कृष्ण कथा अमृत का पांच दिवसीय कार्यक्रम आज भक्ति और आध्यात्मिकता के साथ समाप्त हुआ। स्वामी सज्जनानंद जी ने बताया कि यह कथा 11 से 15 नवंबर तक प्रतिदिन शाम 6:00 बजे से रात 9:00 बजे तक स्टाफ क्लब ग्राउंड, नंगल में आयोजित की गई, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने भाग लिया और दिव्यता का अनुभव किया।
रुक्मणी विवाह प्रसंग का दिव्य वर्णन
कथा के अंतिम दिन, गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी गरिमा भारती जी ने रुक्मणी विवाह प्रसंग का भावपूर्ण वर्णन किया। उन्होंने रुक्मणी जी के प्रेम, समर्पण और भक्ति को दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया। साध्वी जी ने बताया कि रुक्मणी का विवाह केवल एक भौतिक घटना नहीं, बल्कि भक्ति और आत्मसमर्पण का प्रतीक है, जो मानव जीवन को दिशा देता है। उन्होंने कहा कि जैसे रुक्मणी जी ने श्री कृष्ण को अपना सब कुछ माना, वैसे ही हर साधक को ईश्वर के प्रति प्रेम और निष्ठा रखनी चाहिए। कथा के दौरान भजनों और कीर्तन ने वातावरण को और भी भक्तिमय बना दिया।
आध्यात्मिक ज्ञान का महत्व
साध्वी गरिमा भारती जी ने रुक्मणी विवाह प्रसंग के माध्यम से ब्रह्मज्ञान की महत्ता को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण का असली स्वरूप केवल कथाओं से नहीं, बल्कि अंतर्मन में उनके साक्षात्कार से जाना जा सकता है। जब साधक का मन शुद्ध होता है और गुरु की कृपा से आत्मबोध प्राप्त होता है, तभी वह अपने भीतर कृष्ण के प्रकाश का अनुभव कर सकता है। यही इस कथा का गूढ़ रहस्य है।
सामाजिक और शैक्षणिक संदेश
इस आयोजन में आध्यात्मिक विषयों के साथ-साथ कई सामाजिक और शैक्षणिक पहलुओं पर भी चर्चा की गई। साध्वी जी ने कहा कि रुक्मणी जी का दृढ़ निश्चय नारी शक्ति और सम्मान का संदेश देता है। श्री कृष्ण की शिक्षाएँ समाज में धर्म, नैतिकता और सत्य के पालन की प्रेरणा देती हैं। कथा के माध्यम से युवा पीढ़ी को चरित्र निर्माण, संयम, सेवा और सकारात्मक सोच का पाठ मिला। भक्ति, प्रेम और त्याग जैसे मूल्य समाज को अधिक समरस और संवेदनशील बनाते हैं।
भव्य आयोजन और भक्तों की सहभागिता
पूरे आयोजन के दौरान सैकड़ों भक्त उपस्थित रहे। अनुशासन, मधुर भजनों की धुन, प्रकाश और सजावट की मनोहर व्यवस्था ने कथा को और भी दिव्य रूप दिया। अंत में सभी श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद और लंगर का सुंदर प्रबंध किया गया, जिससे सामाजिक एकता और सहयोग की भावना को बढ़ावा मिला।
आभार और समापन
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान और नंगल निवासियों ने इस सफल आयोजन के लिए नगरवासियों, सेवकों और भक्तों का आभार व्यक्त किया। कथा का समापन भक्तिभाव, प्रेरणा और ईश्वरीय ऊर्जा के साथ हुआ, जिसने हर हृदय में श्री कृष्ण के प्रति और अधिक प्रेम और समर्पण को जन्म दिया।
मुख्य यजमान और श्रद्धालु
मुख्य यजमान विजय धीर (विजय ज्वैलर्स) और दैनिक यजमान तिलक मनोचा, मुकेश मोहन सभरवाल, नरेंद्र वर्मा, जगदीप सिंह दुआ, राजिंदर कुमार सोनी, संजीव शर्मा, नवीन, ब्रिज मोहन, रविंदर ठाकुर, ऋतु शर्मा, नंद किशोर, आर. एन शर्मा, मोहित शर्मा, भारत विकास परिषद, अशोक सचदेवा, शिव शक्ति त्रिवेणी मंदिर, अभिनव गुप्ता, सुशील गुप्ता, राजेश शर्मा, दिनेश शुक्ला, अमरजीत अरोड़ा, अश्वनी राणा, राजेश, सतीश शर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
