नागपंचमी 2025: पूजा विधि और महत्व

नागपंचमी का पर्व
Nag Panchami 2025: सावन के महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी का त्योहार मनाया जाता है, जो इस वर्ष आज है। यह दिन विशेष रूप से नाग देवता की आराधना के लिए समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन नागों की पूजा करने से व्यक्ति को भय, रोग और दोषों से मुक्ति मिलती है। विशेष रूप से, जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है, उनके लिए यह दिन अत्यंत लाभकारी माना जाता है। नागपंचमी पर महिलाएं व्रत रखती हैं और घरों या मंदिरों में जाकर नाग देवता की पूजा करती हैं.
पूजन सामग्री की आवश्यकता
नागपंचमी के पूजन के लिए कई आवश्यक वस्तुएं होती हैं जो पूजा को पूर्ण बनाती हैं। पूजा में मुख्य रूप से दूध, कच्चा दूध, गंगाजल, हल्दी, रोली, चंदन, चावल, कुशा, दूर्वा, बेलपत्र, फूल, धूप, दीपक, और मिठाई का उपयोग किया जाता है। कुछ भक्त मिट्टी से नाग की मूर्ति बनाकर उसकी पूजा करते हैं, जबकि कुछ लोग दीवारों पर नाग का चित्र बनाकर भी पूजा करते हैं.
पूजा विधि
पूजन के दौरान नाग देवता को दूध से स्नान कराया जाता है और फिर उन्हें रोली-चंदन अर्पित किया जाता है। फूल और धूप-दीप से आरती की जाती है। इसके बाद प्रसाद चढ़ाकर नाग देवता से परिवार की सुख-शांति और रक्षा की कामना की जाती है.
कालसर्प दोष से मुक्ति
जिनकी कुंडली में कालसर्प दोष होता है, उनके लिए नागपंचमी का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और विधिवत पूजा करने से कालसर्प दोष में कमी आती है। कई लोग इस दिन विशेष रूप से शिव मंदिर जाकर रुद्राभिषेक भी करते हैं.
घर पर पूजा कैसे करें?
यदि आप घर पर पूजा करना चाहते हैं, तो सबसे पहले घर को साफ-सुथरा करें और पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें। दीवार पर हल्दी या गेरू से नाग का चित्र बनाएं या मिट्टी से नाग देवता की प्रतिमा बनाएं। अब उन्हें दूध चढ़ाएं, चंदन, फूल अर्पित करें और दीपक जलाकर आरती करें। पूजा के बाद व्रत कथा सुनें और सभी को प्रसाद वितरित करें.